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VIDEO….बजरंग सेवा समिति ने 25 वर्षों से मेहनत कर छोटे से गांव भाटखेड़ी में वीर बालाजी मंदिर परिसर को बनाया सुंदर पर्यटन स्थल

- जामुन के पेड़ के नीचे विराजित है बालाजी की मूर्ति, अब बनाना चाह रहे हैं भव्य मंदिर

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नीमच/मनासा। जिले के मनासा तहसील के छोटे से गांव भाटखेड़ी में बावड़ी वाले वीर बालाजी जामुन के विशाल पेड़ के नीचे विराजित है, ग्रामीणजन की मेहनत से आज यह छोटा सा स्थान आसपास के क्षेत्र में पर्यटन का का बड़ा सुंदर स्थल बन गया है। इसके पीछे बजरंग सेवा समिति का 25 सालों का संघर्ष है। समिति सदस्यों प्रारंभ में सामाजिक कार्यक्रमों में परोसगारी कर मिली राशि मंदिर का विकास प्रारंभ किया। यहां व्यायामशाला भी चलाई जाती है। व्यायामशाला के कलाकार अखाड़े में प्रदर्शन कर मिली राशि से आज भी विकास कार्य कर र रहे हैं। परिसर सालों में समिति ने इस तरह करीब 20 लाख से अधिक खर्च कर इसे सुंदर पर्यटन स्थल बना दिया। लेकिन बालाजी जामुन के पेड के नीचे ही विराजमान है। मंदिर समिति का प्रयास है कि यहां भव्य मंदिर बनाया जाए, लेकिन इस पुराने जामुन के पेड़ को भी नहीं हटाना चाहते है, जिस कारण कार्य योजना अटकी पड़ी है। यह ग्रामीणों की प्राचीन और प्रकृति प्रेम को दर्शाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बावड़ी वाले वीर बालाजी मंदिर परिसर में 1985 से वीर व्यायामशाला भी संचालित हो रही है। सन 1998 में व्यायामशाला व गांव के गांव के युवाओं ने बुजुगों के मार्गदर्शन में विकास कार्य के के लिए वीर बजरंग सेवा समिति का गठन किया। इसके बाद युवाओं ने सामाजिक व पारिवारिक कार्यक्रमों में परोसगारी का कार्य किया। इसमें कार्य स्वेच्छा से जो राशि मिलती उसे और व्यायामशाला के कलाकार के प्रदर्शन से मिली राशि को किया। गांव के हरिवल्लभ पाटीदार 20 साल पहले तार फेंसिंग से विकास की शुरूआत का परिसर पहले छोटा था। समिति का सदस्यों और ग्रामीणों ने निर्णय से और आठ आरी जमीन खरीद कर मंदिर के पर्यटन क्षेत्र का विकास किया है। उसके बाद बाउंड्रीवॉल का निर्माण करवाया गया।

मंदिर में बड़ी संख्या में आते हैं भक्त
ग्रामीणों ने बताया मंदसौर, पिपलयामंडी, नारायणगढ़ क्षेत्र से जो भी इस मार्ग से गुजरता है वह यहां जरुर ठहरता है। जोगणिया माता मंदिर जाने वाले भक्त बड़ी संख्या में यहां बगीचे की छांव में ठहरते हैं। बीर बालाजी के प्रति भक्तों में बड़ी आस्था है। यहां पर शनिवार व मंगलवार को भक्तों की भारी भीड़ लगती है। समिति द्वारा हर अमावस्या को हवन किया जाता है। वर्तमान में हर माह दान पात्र में 25 से 30 हजार राशि निकलने लगी है। इससे विकास में सहायता मिलने लगी। यहां आरओ पानी, वाटर कूलर सहित लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था है। ग्रामीण बताते हैं यहां पर आने वाले हर भक्त द्वारा मांगी मन्नत पूरी होती है । मन्नत पूरी होने पर भक्तों द्वारा स्वेच्छा से मंदिर विकास के लिए दान दिया जाता है।

5 हजार ट्रॉली मिट्टी से किया भराव
जमीन खरीदने के बाद सालों तक समिति ने क्षेत्र से जो भी इस मार्ग से गुजरता है राशि निकलने लगी है। इससे विकास भुगतान कर यहां भराव का कार्य जारी रखा। सदस्यों ने बताया कि यहां करीब 5 हजार ट्रॉली मिट्टी का भराव किया शाला के विद्यार्थियों व गांव के युवाओं ने गया। व्यायाम सालों तक श्रमदान कर परिसर को एक जैसा बनाया । उसके बाद यहां सुंदर बगीचा विकसित करने का कार्य किया। आज मंदिर परिसर एक सुंदर पर्यटन व धार्मिक स्थल है।

मंदिर के विकास का दिन प्रतिदिन कार्य चल रहा है
बावड़ी वीर बालाजी मंदिर के विकास और परिसर को विकसित करने को लेकर समिति और जनसहयोग से निर्माण कार्य किया जा पूर्व ही शेड निर्माण कराया है। ग्राम पंचायत का भी मंदिर विकास में सहयोग मिल रहा है, अभी पेवर ब्लॉक पंचायत समिति ने लगवाएं है। बालाजी विशाल जामुन के पेड़ के नीचे विराजित है। ग्रामीणजन पेड़ को नहीं काटना चाहते है, इसीलिए मंदिर का निर्माण नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों के सहयोग से वीर बालाजी मंदिर का संपूर्ण विकास करना ही मुख्य लक्ष्य है।
– मुकेश पाटीदार, सचिव वीर बालाजी मंदिर समिति भाटखेड़ी।