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नीमच में भर गर्मी में 75 प्रतिशत सस्ती हुई हरी सब्जियां

नीमच में भर गर्मी में 75 प्रतिशत सस्ती हुई हरी सब्जियां

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नीमच में भर गर्मी में 75 प्रतिशत सस्ती हुई हरी सब्जियां

नीमच. एक सप्ताह पहले जिन हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे। उन सब्जियों के दाम रमजान माह और शादी ब्याह होने के कारण जमीन पर आ टिके हैं। जो इस समय फुटकर सब्जी मंडी में साफ नजर आ रहा है। क्योंकि चंद दिनों पहले जो सब्जियां 60 से 80 रुपए किलो बिक रही थी। वे 15 से 20 रुपए किलो में धड्ल्ले से बिक रही थी।

आवक अधिक और डिमांड कम होने से गिरे दाम
गर्मी के चलते हरी सब्जियों के दाम एक सप्ताह पूर्व आसमान छू रहे थे। गिलकी, भिंडी, टिंसी, ग्वार फली आदि सब्जियां 60 रुपए किलो से लेकर 80 रुपए किलो तक बिक रही थी। इस प्रकार आसमान छूते दाम होने के बावजूद भी उपभोक्ता इन सब्जियों को शौक से ले जा रहे थे। क्योंकि गर्मी के दौरान हरी सब्जियां स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल होती है। गर्मी के दौरान हरी सब्जियों के दाम पूरे सीजन में यही रहने की उम्मीद नजर आ रही थी। लेकिन अचानक हरी सब्जियों के दाम 70 से 75 प्रतिशत टूट गए, जो आश्चर्य जनक नजर आ रहा था।

रमजान और शादी ब्याह के कारण टूटे दाम
सब्जियों के फुटकर विक्रेता मुन्ना खां ने बताया कि रमजान माह के चलते मुस्लिम समाजजनों के रोजे चलने के कारण सब्जियों की खपत में काफी कमी आई है। वहीं दूसरी ओर शादी ब्याह का सीजन चल रहा है। इस कारण भी सब्जियों के उठाव में कमी आ गई है। वहीं पैदावार अच्छी आ रही है। क्योंकि अच्छे दाम के चलते आसपास के क्षेत्र के सब्जी उत्पादकों ने काफी सब्जियां बो रखी है। चूकि गर्मी के दौरान हरी सब्जियां ज्यादा दिन टिक भी नहीं पाती है। इस कारण तुरंत एक दो दिन में जो भाव मिले उसी में बेचना ठीक रहता है। इस कारण अधिक आवक होने व मांग बहुत कम होने से हरी सब्जी के दाम गिर गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 20-25 दिन यही दाम रहने की संभावना है।

दिन में बिकी 20 शाम को बिकी 15 रुपए किलो गिलकी
शनिवार व रविवार को काफी मात्रा में गिलकी, भिंडी, ग्वार फली आदि सब्जियां आई थी। स्थानीय विक्रेताओं के साथ गांवों से आने वाले सब्जी उत्पादकों की आवक भी होने से पूरी फुटकर सब्जी मंडी में हरी ही हरी सब्जियां नजर आ रही थी। आश्चर्य की बात तो यह नजर आई कि चंद दिनों पहले जो सब्जी एक एक दुकान पर टोकरी में रखी नजर आ रही थी। वही सब्जियां ठेला भर भरकर आई थी। ऐसे में गिलकी दिन में जहां 20 रुपए किलो बिकी, वहीं शाम होते होते 15 रुपए किलो तक बिकने लगी। इसी प्रकार भिंडी 20 रुपए किलो बिकने से अधिकतर उपभोक्ता जो चंद दिनों पहले मात्र आधा किलो और 250 ग्राम सब्जियां ले जाते थे, वे एक से दो किलो हरी सब्जियां ले जाते नजर आए।