नीमच । क्रिप्टो करेंसी पर ट्रेडिंग करने वाली एमटीएफई कंपनी द्वारा जिले में सैकड़ों लोगों के रुपए लेकर फरार होने के मामले में नीमच कंपनी सीईओ हुजैफा जमाली को गिरफ्तार कर तीन रिमांड पर लिया था। रिमांड समाप्त के दौरान उसने बताया कि वह कनाड़ा की वेंडी से सोशल साइटस के मार्फत संपर्क में आया और कंपनी से जुड़ा था। जिसके बाद कई लोग उससे जुड़े अभी हाल में कंपनी बंद होने के बाद उसका किसी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं पुलिस ने तीन दिन का रिमांड समाप्त होने के बाद उसे आज शुक्रवार को पुन: न्यायालय में पेश कर चार दिन के और अधिक रिमांड पर पुलिस ने पूछताछ पर लिया है। अभी तक उसने जामुनिया में करीब दो बीघा जमीन और नयागांव में एक प्लॉट होना बताया है। जिसके पुलिस रजिस्ट्री कागजात जब्त कर रही है। जबकि पुलिस नगदी के नाम पर कुछ भी जब्त नहीं कर पाई है।
मामले के जांच अधिकारी एसआई शिशुपाल सिंह गौड ने बताया कि एमटीएफई के मास्टर माईंड नीमच निवासी हुजैफा जमाली को प्रोटेक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार कर न्यायालय से 8 सितंबर तक आरोपी जमाली रिमांड पर लिया था। अभी तक पूछताछ में उसने कई राज उगले हैं। जिसमें उसने बताया कि उसके पास वाट्सएप पर कनाड़ा की वेंडी का एमटीएफई के बारे में मैसेज आया था। जिसके बाद उसने लगातार संपर्क कर कंपनी के बारे में समझाया और वह उससे जुड़ गया। शुरूआत में करीब 40 लोगों को उसने जोडा और फिर ये लोग दूसरे लोगों को जोड़ते रहे और एक से दो प्रतिशत उसे डॉलर के रूप में कमीशन मिलता रहा। इस तरह से पूरे जिलेभर में फर्जी कंपनी का नेटवर्क फैल गया। पुलिस साइबर एक्सपर्ट की मदद से यह पता लगाने में जुटी हुई है कि कितने लोगों ने एमटीएफई ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी का ऐप डाउन लोड किया था और उसमें कितने लोगों ने पैसा लगाया है। कनाडा की वेंडी नामक महिला को आरोपी बनाए जाने के संबंध में विधिक सलाह भी ली जा रही है।
अगस्त माह से कंपनी ने बोरियां बिस्तर समेटे
प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 अगस्त 2023 को एमटीएफई नामक कंपनी के मोबाइल एप ने काम करना बंद कर दिया। ऐप ने जैसे ही काम करना बंद कर दिया तो धीरे-धीरे शोर मचना शुरू हो गया। अगस्त माह में तो नीमच जिले में कई जगहों पर लोग सडक़ पर उतर गए। नीमच केंट थाने में लोगों ने आवेदन देना शुरू कर दिए, नीमच पुलिस जांच शुरू करती, उससे पहले ही रतलाम राहुल कुमार लोढा ने 25 अगस्त को नीमच के मास्टरमाईंड सहित छह आरोपियों को दिया। गिरफ्तार कर एमटीएफई कंपनी का भंडाफोड कर दिया। नीमच कँट पुलिस ने मी आवेदनों पर हुजैफा जमाली को आरोपी बनाते हुए प्रकरण दर्ज किया। 5 सितंबर को नीमच कैंट पुलिस रतलाम से आरोपी हुजैफा को नीमच लेकर आई। कोर्ट ने आठ सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस को एक दिन की पूछताछ में ही कई जानकारी हाथ लगी हैं।
एक साल पहले कंपनी का जाल बिछाना शुरू किया
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष मई 2022 को आरोपी हुजैफा उक्त फर्जी कंपनी से जुड गया था। कनाडा की वेंडी ने सबसे पहले एमटीएफई कंपनी के बारे में बताया और हुजैफा ने एप्लीकेशन डाउनलोड कर 20 हजार रूपए लगाए। हुजैफा को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई कि वह जितने ज्यादा लोगों को जोड़ेगा, उसे उतना ही फायदा मिलेगा। हजैफा ने भादवामाता में एक सेमिनार का भी आयोजन किया और करीब 40 लोगों को जोडा। किसी ने 20 हजार लगाए तो किसी ने एक लाख से अधिक की राशि लगाई। एमटीएफई के एप्लीकेशन में ही राशि लगाने का ऑप्शन आता था और संबंधित पैसा लगाने वाले व्यक्ति के खाते में कमीशन आ जाता था। इस तरह से जिन 40 लोगों को पहले हुजैफा ने जोडा था, वे और लोगों को जोडते गए, इस तरह से मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कर लोग इस फर्जी कंपनी से जुडते गए। एक व्यक्ति को जोडऩे पर कथित कंपनी पांच डॉलर देती थी और हुजैफा को अलग से एक प्रतिशत कमीशन मिलता था। हर रोज चार से पांच डॉलर हर व्यक्ति को मिलतें थे। करीब 21-22 दिन में ये पैसे मिलते थे। पैसा इन्वेस्ट कर कंपनी कमीशन के रूप में डॉलर देती रही और दो महीने से कमीशन खाते में ट्रांसफर करना बंद कर दिया और 8 अगस्त 2023 को मोबाइल ऐप ने ही काम करना बंद कर दिया।