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यदि आप भी भू-अधिकार व ऋण पुस्तिका से देते हैं किसी की जमानत को रहें सावधान

जिले में अब पावती का इस्तेमाल कोर्ट में जमानत देने के लिए ज्यादा बार नहीं हो पाएगा, क्योंकि जिले में भू- अधिकार-ऋण पुस्तिका ऑनलाइन हो चुकी है। कलेक्टोरेट स्थित भू-अभिलेख विभाग ने जिले के करीब दो लाख किसानों का डाटा अपलोड करने के साथ अपडेट भी कर दिया है।

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नीमच

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Sachin Trivedi

Jan 18, 2022

यदि आप भी भू-अधिकार व ऋण पुस्तिका से देते हैं किसी की जमानत को रहें सावधान

जिले में अब पावती का इस्तेमाल कोर्ट में जमानत देने के लिए ज्यादा बार नहीं हो पाएगा, क्योंकि जिले में भू- अधिकार-ऋण पुस्तिका ऑनलाइन हो चुकी है। कलेक्टोरेट स्थित भू-अभिलेख विभाग ने जिले के करीब दो लाख किसानों का डाटा अपलोड करने के साथ अपडेट भी कर दिया है।

वीरेंद्रसिंह राठौड़. नीमच
जिले में अब पावती का इस्तेमाल कोर्ट में जमानत देने के लिए ज्यादा बार नहीं हो पाएगा, क्योंकि जिले में भू- अधिकार-ऋण पुस्तिका ऑनलाइन हो चुकी है। कलेक्टोरेट स्थित भू-अभिलेख विभाग ने जिले के करीब दो लाख किसानों का डाटा अपलोड करने के साथ अपडेट भी कर दिया है। खास बात यह है कि बैंक से ऋण लेने में जिस प्रकार ऑनलाइन इंट्री हो जाती है। उसी प्रकार किसी ने पावती के आधार पर किसी प्रकरण में किसी की जमानत दी है, वह भी अब पुस्तिका में ऑनलाइन इंट्री होगी। इससे पारदर्शिता तो आएगी, विभाग को भी इसकी जानकारी रहेगी कि किस किसान के खाते में क्या अपडेट हुआ है।


आपको बता दें कि किसानों को नक्शा, खसरा व बी-वन की प्रति ही ऑनलाइन मिल रही थी। अब-भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका भी ऑनलाइन मिल रही है। वह सामान्य तौर पर दो पेज की होगी और इसके लिए फीस ४५ रुपए तय की गई है। पहला पेज ३० रुपए और दूसरा १५ रुपए फीस के साथ मिलेगा। यदि किसी के तीन या ज्यादा पेज है तो प्रथम पेज के बाद प्रत्येक पेज के १५ रुपए लगेंगे। इसे भू-अभिलेख विभाग के पोर्टल पर देखने के साथ प्रक्रिया को अपनाकर प्रिंट भी निकलवा सकते हैं। यदि सत्यापित प्रति निकलवाना है तो निर्धारित शुल्क देना होगा।

इस प्रकार की गड़बड़ी रुकेगी
भू-अधिकार-ऋण पुस्तिका मिलती थी। उसमें कई प्रकार की गड़बड़ी की आशंका रहती थी, लेकिन इसमें ऐसा नही होगा। बैंक से ऋण लेते समय पुरानी पावती में बैंक ही बंधक चढ़ाते हैं अर्थात उस पावती पर दूसरी बैंक से ऋण नहीं लिया जा सकता था, लेकिन कुछ लोग पावती गुम होने का आवेदन देकर डुप्लीकेट लेते थे और उससे दूसरी बैंक से ऋण ले लेते थे, क्योकि ऑनलाइन इंट्री नही होती थी, अब ऐसा नहीं होगा।

बैंक अब ऋण लेने वाले व्यक्ति के खसरे पर सीधे ऑनलान इंट्री करेगा। इसी प्रकार कोर्ट में जमानत देते समय कई लोग पावती लगाते हैं। उस पर भी बैंक की तरह जमानत देते समय ही ऑनलाइन इंट्री हो जाएगी। ऐसे में अब डुप्लीकेट पर्ची निकलेगी। उसमें जानकारी अपडेट होगी। वैसे अब जो भी भू-अधिकार-ऋण पुस्तिका निकलेगी। वह ऑनलाइन पिं्रट वाली ही निकलेगी। ऐसे में इस प्रकार की गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा।


अब केवल ऑनलाइन पुस्तिका मिलेगी
पुरानी भू-अधिकार-ऋण पुस्तिका को जांच करना बंदकर दिया गया है। अब केवल कम्प्यूटीकृत भू-अधिकार-ऋण पुस्तिका नए आवेदकों को मिलेगी। ऑनलाइन में बैंक से ऋण लेने वालों की जानकारी के साथ अन्य कोई में पावती के आधार पर दी जाने वाली जमानत की जानकारी ऑनलाइन दर्ज हो जाएगी। इससे डुप्लीकेट पुस्तिका बनाकर एक से ज्यादा गवाही देने व अलग-अलग बैंकों से ऋण लेने जैसी गड़बड़ी नहीं हो पाएगी।
बीएल खराड़ी, अधीक्षक भू-अभिलेख जिला नीमच।