
नीमच। मालवा की माटी देशभर में बेहतर मानी जाती है, यही कारण है कि मालवा के नाम से देश व मध्यप्रदेश में गेंहू खरीदा जाता है। मालवा बेल्ट के उज्जैन संभाग में आने वाले नीमच जिले में पिछले साल के मुकाबले इस बार गेंहू का उत्पादन काफी बेहतर हुआ है। नीमच जिला राजस्थान राज्य की सीमा से सटा होने के कारण गर्म हवाए अचानक चलने से यहां का तापमान घटता बढ़ता रहता है। जिस कारण इसका असर उत्पादन पर भी पड़ता है। इस साल औसत उत्पादन प्रति हेक्टयर ४२.६७ क्विंटल रहा है। जबकि देश में पिछले साल गेहू का औसत उत्पादन ३५.२१ और मध्यप्रदेश में ३६.२९ क्विंटल रहा है। यदि उज्जैन संभाग के सातो जिलो की बात करे तो ५०-५० क्विंटल प्रति हेक्टेयर के साथ देवास व उज्जैन जिले अव्वल रहे है। पिछले साल अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम के कारण सभी जिलों में पिछले साल के मुकाबले प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ा है।
संभागीय कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उज्जैन की खरीफ उत्पादन समीक्षा में संीााग के सातो जिलो के जो आंकड़े आए है। वह एक बार फिर मालवा मिट्टी की ताकत दिखाते है कि मोसम अनुकूल रहे तो उत्पादन भी ज्यादा अच्छा होता है। वर्ष २०२०-२१ के मुकाबले उज्जैन संभाग के सातों जिलो में प्रति हेक्टेयर गेंहू का उत्पादन बढ़ है। उज्जैन संभाग में जहां वर्ष २०२०-२ में प्रति हेक्टेयर गेंहू का आौसत उत्पादन ४१.८९ क्विंटल था, वह बढऱ वर्ष २०२१-२२ में ४७.५८ क्विंटल हो गया है। संभाग में शाजापुर व मंदसौर जिले में पिछले साल के मुकाबले उत्पादन को ग्रोथ ज्यादा बढ़ी है। शाजापुर में पिदले साल के औसत उत्पादन से इस साल ११.९० क्विंटल और मंदसौर जिले में ११.२१ क्विंटल उत्पादन प्रति हेक्टेयर ज्यादा हुआ है।
संभाग के जिलो में बोवनी का रकबा
क्षेत्र २०२०-२१ २०२१-२२
देवास २९९.६९ २८७.८८
उज्जेन ४११.५७ ४१२.५६
शाजापुर १९२.३३ १९०.४०
रतलाम २१४.९७ २११.०६
आगर मालवा ९७.५६ १०१.८०
मंदसौर ११९.८७ २१४.७९
नीमच ४१.४८ ८८.६९
संभाग १३७७.४१ १५०७.१७
नोट- सभी आंकड़ो का आंकलन हेक्टेयर में
उज्जैन संभाग के जिलो में दो साल में गेंहू उत्पादन की स्थिति
क्षेत्र २०२०-२१ २०२१-२२ अंतर
देवास ४५.०० ५०.०० -५.००
उज्जैन ४१.५० ५०.०० - ८.५०
शाजापुर ३५.६० ४७.५० + ११.९
रतलाम ४६.५२ ४६.९० +०.२८
आगर मालवा ४३.३० ४४.६० +१.३०
मंदसौर ३२.७९ ४४.०० +११.२१
नीमच ४१.२० ४२.६७ +१.४७
संभाग ४१.८९ ४७.५८ +५.६९
नोट- जानकारी कृषि विभाग के अनुसार गेंहू का औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर प्रति क्विंटल में
मालवा की मिट्टी व जलवायु अनूकूल
प्रदेश में मालवा बेल्ट केक उज्जैन सँीााग में रबी सीजन के लिए मिट़्टी और जलवायु अनूकूल रहती है। इसी कारण मप्र के औसत से उत्पादन से उज्जैन संंभाग का औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर बेहतर है।
- दिनेश मंडलोई, उप संचालक कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग नीमच।
तापमान का असर पड़ा उत्पादन पर
मौसम का असर उत्पादन पर निश्चित तौर पर पड़ता है। पिछले साल अच्छी बारिश होने के कारण उत्पादन का लक्ष्य प्रति हेक्टेयर ४८ क्विंट था। किन्तु गेंहू की बोवनी के बाद अचानक तापमान बढ़ गया। नीमच जिला राजस्था से तीन तरफ से जुड़ा है। ऐसे में यहां गर्म हवाएं ज्यादा आती है। अचानक तापमान बढऩे से फसल समय से पहले पक जाती है। जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है। इस कारण नीमच जिले का गेंहू का उत्पादन प्रति हेक्टेयर कम है।
- सीपी पर्चारी, प्रधान वैज्ञानिक व प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र नीमच।
Published on:
16 Jul 2022 08:25 pm
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