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100 करोड़ की प्रॉपर्टी छोड़ बिजनेसमैन पति और इंजीनियर पत्नी बनेंगे संन्यासी

लंदन से पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर पत्नी के साथ राजसी ठाट-बांट से रहने वाले यह दंपती 100 करोड़ की दौलत त्यागकर

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नीमच

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Manish Geete

Sep 15, 2017

neemuch

नीमच। लंदन से पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर पत्नी के साथ राजसी ठाट-बांट से रहने वाले यह दंपती 100 करोड़ की दौलत त्यागकर संसार की भलाई के लिए खुद संन्यासी बनने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के यह दंपती गुजरात के सूरत में दीक्षा लेकर जैन संत बन जाएंगे।

मध्यप्रदेश के नीमच में सुमित राठौर और उनकी पत्नी अनामिका बड़े ही ठाट-बांट के साथ रहते हैं। एक व्यक्ति को जितना चाहिए उससे कहीं अधिक ईश्वर ने उन्हें दे दिया था। उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं है। गाड़ी-बंगला और नौकर-चाकर और जमा-जमाया व्यवसाय। इसी माह की 23 सितंबर को यह दंपती दीक्षा लेकर अपनों से दूर हो जाएंगे।

लंदन में पढ़ाई, इंडिया में व्यापार
सुमित राठौर लंदन से एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में डिप्लोमा करके भारत आए थे। दो साल लंदन में जॉब करने के बाद नीमच आ गए और पिता का व्यवसाय संभाला। यहां सुमित की फैक्ट्री है, जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपए बताई जाती है, इसमें 100 वर्कर काम करते हैं। इसके अलावा उनके पास काफी जमीनें भी हैं।

चार साल पहले हुई थी शादी
सुमित और अनामिका की शादी चार साल पहले बड़े ही शान से हुई थी। इनकी तीन साल की बेटी का नाम इभ्या है। राठौर परिवार के करीबी लोगों का कहना है कि इतनी कम उम्र में सांसारिक जीवन को त्यागना बहुत बड़ा फैसला है।

पत्नी अनामिका भी है होनहार
राठौर परिवार के मुताबिक सुमित की पत्नी अनामिका बचपन से ही पढाई में होशियार रही हैं। आठवीं, दसवीं और बारहवीं में राजस्थान बोर्ड में टॉपर भी रही और इंजीनियर बन गई थीं।

सगाई के बाद छोड़ी नौकरी
अनामिका ने दस लाख के पैकेज में हिन्दुस्तान जिंक में नौकरी की। लेकिन 2012 में सगाई के बाद ही जॉब छोड़ दिया। सुमित के साथ शादी हुई और अब पति के साथ वैराग्य की ओर आगे कदम बढ़ा लिए।

समाज ने भी किया सपोर्ट
राठौर परिवार के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक समाज के लोगों ने दोनों को पहले समझाया, लेकिन दीक्षा लेने के फैसले पर सभी ने सपोर्ट भी किया। गुरुवार को ही दोनों पति-पत्नी परिवारजनों और समाज के लोगों के साथ सूरत पहुंच गए।

समारोहपूर्वक होगा दीक्षा कार्यक्रम
मध्यप्रदेश के इस दंपती का दीक्षा कार्यक्रम गुजरात के सूरत शहर में होगा। समारोहपूर्वक आयोजित इस कार्यक्रम में साधूमार्गी जैन आचार्य रामलाल महाराज दोनों को दीक्षा देंगे।

फिलहाल ननिहाल में है बेटी
अध्यात्म के रास्ते जा रहे दंपती जैन संत बन जाएंगे। इनके बाद इस तीन साल की बेटी का लालन-पालन ननिहाल में होगा, जो राजस्थान के कपासन नगर में है। यहां भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक चंडालिया उनके नाना हैं। हालांकि दादा-दादी नीमच में रहते हैं।