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न शहतूत के पौधे ऊगे, न कोकुन से निकला रेशम

७ करोड़ का रेशम क्लस्टर २ साल से अधर में - नीमच मंदसौर जिले के २०० किसानों का बनाया था क्लस्टर-मनरेगा योजना से नहीं हुआ बजट स्वीकृत

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नीमच. कृषि और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए किया गया नवाचार केवल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ही बंद होकर रह गया है। नीमच-मंदसौर जिले में रेशम उत्पादन के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी योजना खटाई में पड़ गई है। मनरेगा से इस योजना को जोड़ा गया था लेकिन केंद्र से इसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है।
शहतूत के पौधों पर उपजाने थे रेशम के कीट-
सरकार की रेशम उत्पादन की योजना का अंश नीमच-मंदसौर जिले में दो वर्ष पूर्व बड़ी शिद्धत से तैयार किया गया था। योजना के तहत सौ से अधिक रेशम उत्पादन के इच्छुक किसानों का क्लस्टर तैयार किया जाना था। रेशम विभाग के अधिकारियों ने गांव-गांव जाकर किसानों को योजना समझाई और उन्हें प्रोत्साहित कर तैयार किया। २०० किसानों का समूह रेशम उत्पादन के लिए तैयार हो गया। इसमें सीमांत और लघु किसानों को शामिल किया गया था। समूह में शामिल किसान की लगभग डेढ़ बीघा जमीन पर शहतूत के पौधे लगाने थे, इसके लिए रेशम के कीट के कोकुन पर सरकार सब्सिडी दे रही थी। तय हुआ था कि जब रेशम के कच्चे धागे तैयार हो जाएंगे तो किसानों को कहीं और बाजार नहीं खोजना पड़ेगा बल्कि रेशम का कच्चा उत्पादन, कोकुन खुद रेशम विभाग ही खरीदेगा। इसे रेशम से बनने वाली साडिय़ों और वस्त्रों के लिए सरकार उद्योगों को उपलब्ध कराएगी।
७ करोड़ का प्रोजेक्ट धूल खा रहा-
बताया जाता है कि रेशम क्लस्टर के लिए सरकार ने कोई अतिरिक्त बजट नहीं बनाया था, ऐसे में इस प्रोजेक्ट को मनरेगा से जोड़ दिया गया था। नीमच-मंदसौर के रेशम क्लस्टर प्रोजेक्ट पर ७ करोड़ रुपए के अनुमानित खर्च का प्रावधान किया गया था। प्रोजेक्ट राज्य शासन के पास भेजा गया, वहां से इसे केंद्र को भेजा गया। लेकिन इस प्रोजेक्ट के प्रस्तुत करने के बाद से ही मनरेगा का बजट रुक गया। इस स्थिति में रेशम क्लस्टर का बजट अब तक खटाई में पड़ा है। हालांकि कई बार स्मरण पत्र भी सरकार को भेजे जा चुके हैं। इधर मालवा में रेशम उत्पादन के लिए नीमच मंदसौर जिले की ख्याति फैलाने का सपना देखने वाले किसान मायूस हो गए हैं।

-रेशम उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित कर योजना तैयार की गई थी। रेशम क्लस्टर का ७ करोड़ लागत का प्रोजेक्ट राज्य शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया था। लेकिन मनरेगा में बजट नहीं मिल सका। फिलहाल इसे स्वीकृत नहीं किया गया है। - घनश्याम गौड़, रेशम अधिकारी, मंदसौर-नीमच