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महामृत्युंजय एकादश रुद्र महायज्ञ में गृहदोष निवारण के लिए दी आहुतियां

श्री पिनाकी महारूद्र यज्ञ का हुआ शुक्रवार को आयोजन

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vikram ahirwar

Jan 07, 2017

Neemuch

Neemuch


नीमच।
एकादश रूद्र महायज्ञ में दशहरा मैदान पर निर्मित की गई लकड़ी और घास की सात मंजिला यज्ञ शाला में शुद्ध घी, साकल्य और अन्य हवन सामग्रियों की महक श्रद्धालुओं को आनंदित कर रही है। जहां एक ओर 111 कुडीय हवन कुंडों में सैंकड़ों जोड़े मंत्रौच्चारण के साथ आहूतियां देकर धर्मलाभ ले रहे हैं। वहीं जिलेवासी इस धार्मिक आयोजन में पहुंचकर आहूतियों की महक और यज्ञ शाला की परिक्रमा कर अपने आपको धन्य मान रहे हैं।

देशी विदेशी श्रद्धालुओं का समागम

रूद्र महायज्ञ में जहां एक और जिले के सैंकड़ों श्रद्धालु हवन कुंड में आहूतियां दे रहे हैं। वहीं विदेशी श्रद्धालु भी मंत्रौच्चारण के साथ आहूतियां दे रहे हैं। जो आकर्षण का केंद्र बने हैं। यहां एक रूसी भक्त द्वारा प्रत्येक मंत्र को अपनी भाषा में उच्चारण कर आहूतियां दी जा रही है। महायज्ञ में देशी विदेशी श्रद्धालुओं का समागम हो रहा है। दशहरा मैदान पर महायोगी पायलट बाबा के सान्निध्य एवं राष्ट्रसंत कृष्णानंद महाराज, योग माता चेतना, श्रद्धामाता की उपस्थिति में एकादश रूद्र महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने 6 जनवरी को गृहदोष एवं कालसर्प दोष निवारण एवं जीवन में परम आनंद के लिए श्रीपिनाकी के नाम 111 कुण्डीय हवन में मंत्रोच्चार के साथ हजारों अक्षत पुष्प व साकल्य की आहूतियां देकर सुख समृद्धि शांति और धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए मंगल प्रार्थना की। महादेवताओं में द्वितीय देव श्रीपिनाकी शिव को सिद्ध करने के लिए आहूतियां दी गईं। पायलेट बाबा ने भास्कर देवाय नम:, हर हर महादेव की स्वर लहरियों के साथ जलाभिषेक दुग्धाभिषेक के बाद साकल्य एवं घी की आहूतियां दी। यज्ञ के दौरान यज्ञ नारायण भगवान ओमनाथ, मल्लिकार्जुन, ओम सूर्याय नम:, ओम नम: शिवाय का मंत्रोच्चारण भी किया गया। निरंतर शंख ध्वनि होती रही।

प्रवेश द्वार का नाम वेदों के नाम पर रखा

यज्ञ में करीब 111 दम्पत्ति 40 विदेशी एवं भरभडिय़ा के 60 दम्पत्ति, कानाखेडा के 6 0 दम्पत्ति, रेवली देवली सहित जिले के 21 ग्रामीण दम्पत्तियों ने भाग लिया। तेज ठंडी हवाओं के बावजूद भी श्रद्धालु सुबह 9 से सायं 5 बजे तक निरंतर 8 घंटे यज्ञ में सहभागी बने। यज्ञ शाला के चारों प्रवेश द्वार का नाम वेदों के नाम पर किया गया। यज्ञशाला में पत्थर से नवनिर्मित 5 फीट हनुमान शिवलिंग एवं पीतल की शिव प्रतिमा को भी पूजा अर्चना के साथ स्थापित किया गया।

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