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Pali: पाली में निजी बसों के लिए नया आदेश, 31 दिसंबर से पहले हटानी होंगी सीढ़ियां और कैरियर, वरना होगी कार्रवाई

निजी बसों की छत पर यात्रियों को बैठाने और भारी सामान ले जाने से होने वाले हादसों पर लगाम कसने के लिए परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। आदेश के तहत निजी बस संचालकों को 31 दिसंबर तक छत पर लगे कैरियर और सीढ़ियां हटानी होंगी।

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पाली

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Rakesh Mishra

Dec 30, 2025

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फाइल फोटो- पत्रिका

पाली। फोरलेन और ग्रामीण सड़कों पर दौड़ने वाली बसों की छत पर यात्रियों को बैठाने के साथ भारी सामान बांधने की परंपरा हादसों का कारण बन रही है। अब इस पर रोक लगाई जाएगी। बस संचालकों को बस की छत पर जाने के लिए लगी सीढ़ियां हटानी होंगी और ऊपर सामान रखने के लिए कोई कैरियर भी नहीं लगाया जा सकेगा। आदेश की अवहेलना करने पर कार्रवाई की जाएगी।

परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया। इसके तहत निजी बस संचालकों को बसों की छत पर लगे कैरियर और ऊपर चढ़ने की सीढ़ियां 31 दिसंबर तक हटानी होंगी। यदि तय समय तक सीढ़ियां और कैरियर नहीं हटाए गए तो 1 जनवरी 2026 से प्रवर्तन संबंधी कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर चालान काटने के साथ बसों को जब्त भी किया जा सकता है।

जयपुर के पास हुआ था हादसा

इस वर्ष 28 अक्टूबर को जयपुर के पास टोडी गांव में एक ईंट भट्टे पर मजदूरों को छोड़ने जा रही एक स्लीपर बस बिजली लाइन के तारों से छू गई थी। इससे बस में करंट दौड़ गया और आग लग गई। बस में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।

हादसे में पिता और पुत्री की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग झुलस गए थे। आग लगने से बस में रखे तीन गैस सिलेंडर भी फट गए थे। बस की छत पर गैस सिलेंडर, मोटरसाइकिल और घरेलू सामान रखा हुआ था, जो 11 केवी बिजली लाइन से टकरा गया था।

यह रहता है खतरा

  • बसों की छत पर रखी धातु की वस्तुएं ऊपर से गुजरती हाई टेंशन लाइनों के संपर्क में आ जाती हैं, जिससे बस में करंट फैलने और आग लगने का खतरा रहता है।
  • बस के अचानक रुकने या मुड़ने पर छत पर रखा सामान गति के जड़त्व नियम के कारण आगे या पीछे गिर सकता है, जिससे संतुलन बिगड़ता है और दुर्घटना की आशंका रहती है।
  • क्षमता से अधिक सामान और यात्रियों को ढोने से बस का संतुलन प्रभावित होता है और बस अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो सकती है।
  • यात्रियों के छत पर बैठने से उनके बिजली के तारों की चपेट में आने, पेड़ों की डालियों से टकराने और अचानक ब्रेक या स्पीड ब्रेकर पर नीचे गिरने का खतरा बना रहता है।

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इन्होंने कहा

निजी बस संचालक बसों की छत पर यात्रियों को बैठाते हैं और भारी सामान रखते हैं, जो सड़क सुरक्षा की दृष्टि से गलत है। ओवरलोडिंग और ओवरक्राउडिंग के कारण हादसों की आशंका रहती है। इसी को देखते हुए नई व्यवस्था लागू की गई है। नियमों का पालन नहीं करने पर बसों का चालान काटने के साथ उन्हें सीज किया जाएगा।

  • ओपी बैरवा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, पाली