
फाइल फोटो- पत्रिका
पाली। फोरलेन और ग्रामीण सड़कों पर दौड़ने वाली बसों की छत पर यात्रियों को बैठाने के साथ भारी सामान बांधने की परंपरा हादसों का कारण बन रही है। अब इस पर रोक लगाई जाएगी। बस संचालकों को बस की छत पर जाने के लिए लगी सीढ़ियां हटानी होंगी और ऊपर सामान रखने के लिए कोई कैरियर भी नहीं लगाया जा सकेगा। आदेश की अवहेलना करने पर कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया। इसके तहत निजी बस संचालकों को बसों की छत पर लगे कैरियर और ऊपर चढ़ने की सीढ़ियां 31 दिसंबर तक हटानी होंगी। यदि तय समय तक सीढ़ियां और कैरियर नहीं हटाए गए तो 1 जनवरी 2026 से प्रवर्तन संबंधी कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर चालान काटने के साथ बसों को जब्त भी किया जा सकता है।
इस वर्ष 28 अक्टूबर को जयपुर के पास टोडी गांव में एक ईंट भट्टे पर मजदूरों को छोड़ने जा रही एक स्लीपर बस बिजली लाइन के तारों से छू गई थी। इससे बस में करंट दौड़ गया और आग लग गई। बस में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
हादसे में पिता और पुत्री की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग झुलस गए थे। आग लगने से बस में रखे तीन गैस सिलेंडर भी फट गए थे। बस की छत पर गैस सिलेंडर, मोटरसाइकिल और घरेलू सामान रखा हुआ था, जो 11 केवी बिजली लाइन से टकरा गया था।
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निजी बस संचालक बसों की छत पर यात्रियों को बैठाते हैं और भारी सामान रखते हैं, जो सड़क सुरक्षा की दृष्टि से गलत है। ओवरलोडिंग और ओवरक्राउडिंग के कारण हादसों की आशंका रहती है। इसी को देखते हुए नई व्यवस्था लागू की गई है। नियमों का पालन नहीं करने पर बसों का चालान काटने के साथ उन्हें सीज किया जाएगा।
Published on:
30 Dec 2025 05:26 pm
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