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आखिर ट्रंप के आगे कितना झुकोगे…भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर पीएम मोदी पर भड़के केजरीवाल

Asia Cup T20 League: भारत-पाकिस्तान के बीच मैच को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला है। इसके साथ दिल्ली में प्रदर्शन कर पाकिस्तानी खिलाड़ियों का पुतला जलाया।

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AAP angry over India Pakistan match in Asia Cup T20 League Dubai Arvind Kejriwal attacked PM Narendra Modi

इंडिया-पाकिस्तान मैच को लेकर दिल्ली में भड़की सियासत।

Asia Cup T20 League: दुबई में भारत-पाकिस्तान मैच के विरोध में शनिवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पुतले जलाए। साथ ही भाजपा सरकार पर तीखा हमला भी बोला। इसको लेकर AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल भी केंद्र सरकार पर भड़क उठे। अरविंद केजरीवाल ने सवाल पूछने के अंदाज में सोशल मीडिया 'X' अकाउंट पर लिखा "प्रधान मंत्री जी को पाकिस्तान के साथ मैच करवाने की आख़िर क्या ज़रूरत है? सारा देश कह रहा है कि ये मैच नहीं होना चाहिए। फिर ये मैच क्यों करवाया जा रहा है? क्या ये भी ट्रम्प के दबाव में किया जा रहा है? आख़िर ट्रम्प के आगे कितना झुकोगे?"

AAP के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा?

भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा "पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद जब हमारी बहनों के सिंदूर मिटाए गए, तो पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने उनका मजाक उड़ाया। जब हमारी बहन-बेटियों के पतियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई तो इन खिलाड़ियों ने बेशर्मी से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें दिखाया गया कि पाकिस्तानी जनरल मेजर आसिम मुनीर हमारी विधवा बहनों की मांग में सिंदूर भर रहा है। ये बड़ी शर्म की बात है कि हमारी विधवा बहन-बेटियों से उनका सिंदूर छीनने वाले लोग उनसे शादी करेंगे उनकी मांग में सिंदूर डालेंगे और अब हमारी सरकार पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के लिए अपनी टीम भेज रही है। हमारी क्रिकेट टीम को दुबई पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के लिए भेजा गया। क्या हम पैसों के लिए पागल हो गए हैं?"

समझिए क्या है भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेलने का मामला?

सौरभ भारद्वाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली के उन सभी क्लबों, होटलों और रेस्टोरेंट का पर्दाफाश करेंगे, जहां ये मैच दिखाया जाएगा। ताकि आम जनता इन जगहों का बहिष्कार कर सके। दरअसल, भारत सरकार की नई खेल नीति के अनुसार, भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट मैच नहीं खेलेगी, लेकिन एशिया कप और आईसीसी जैसे बहुपक्षीय आयोजनों में पाकिस्तानी टीम का सामना करती रहेगी। इसी के तहत 15 सितंबर को दुबई में एशिया कप टी20 लीग के हिस्से के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम रविवार को दुबई रवाना हुई है। इसी को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में उतरे हैं।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ा आक्रोश

बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय जनमानस में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश भड़क उठा। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाकर इस हमले का जवाब दिया, लेकिन भारतीय जनमानस में पाकिस्तान के खिलाफ पनपा आक्रोश शांत नहीं हुआ। इसी के चलते पूरे देश में पाकिस्तान के साथ भारतीय टीम के क्रिकेट संबंधों को खत्म करने की मांग तेज हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी याचिका

इससे पहले 11 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में एशिया कप टी20 लीग के तहत होने वाले मैच को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसपर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि यह सिर्फ एक मैच है और इसे होने दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से आग्रह किया गया था कि मामले की सुनवाई तुरंत की जानी अनिवार्य है, लेकिन जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने कहा कि इसमें इतनी जल्दी की आवश्यकता नहीं है और फिलहाल याचिका को तत्काल सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। हालांकि वकील का कहना था कि उनका मामला कमजोर हो सकता है, लेकिन फिर भी इसे सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

यह जनहित याचिका कानून की छात्रा उर्वशी जैन और तीन अन्य छात्रों ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हाल के आतंकी हमलों, जैसे पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नागरिकों और सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि आतंकवाद को पनाह देने वाले राष्ट्र के साथ खेलों का आयोजन शहीदों और उनके परिवारों की पीड़ा बढ़ाता है और सशस्त्र बलों के मनोबल को ठेस पहुंचाता है। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी अदालत से निर्देश देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था।