scriptRBI की रिपोर्ट का दावा – ‘आपके पास मौजूद कैश हो सकता है नकली’ | Cash You Are Holding Could Be Fake, Says RBI Report | Patrika News
नई दिल्ली

RBI की रिपोर्ट का दावा – ‘आपके पास मौजूद कैश हो सकता है नकली’

RBI के मुताबिक एक साल में 500 रुपये के नकली नोट दोगुने हो गए हैं। पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये के 101.9 फीसदी और 2,000 रुपये के 54.16 फीसदी ज्यादा नोटों का पता लगाया है जो सरकार के लिए चिंता का विषय है।

नई दिल्लीMay 28, 2022 / 07:42 pm

Archana Keshri

RBI की रिपोर्ट का दावा - 'आपके पास मौजूद कैश हो सकता है नकली'

RBI की रिपोर्ट का दावा – ‘आपके पास मौजूद कैश हो सकता है नकली’

भारत भले ही कैशलेस भुगतान के बढ़ते चलन की ओर बढ़ रहा है, मगर आज के वक्त में 100 रुपये का नोट नकद लेनदेन के लिए सबसे पसंदीदा बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक लेनदेन के लिए 2,000 रुपये के नोट कम पसंद किए जाते हैं जबकि 500 रुपये के नोट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। बात की जाए असली और फर्जी नोटो की पहचान करने की तो भारत में लगभग 3 प्रतिशत लोग इनकी पहचान कर पाने में पूरी तरह से असमर्थ हैं, तो वहीं 97 प्रतिशत लोग केवल हात्मा गांधी की तस्वीर, वॉटरमार्क या सुरक्षा धागे से अवगत हैं।
इस बात का पता तब चला जब 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में इसका सर्वे किया गया। वहीं इस सर्वे से इन बातों का भी पता चला की किस नोट या सिक्के का ज्यादा और कम इस्तेमाल किया जा रहा है। और लोग कैशलेस भुगतान की बजाय इन्हें इस्तेमाल करना क्यों पसंद कर रहे है।


5 रुपए के सिक्के का हो रहा सबसे ज्यादा इस्तेमाल


सिक्कों की बात करें तो नकद लेनदेन के लिए 5 रुपये के सिक्के का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। वहीं, लोग 1 रुपये के सिक्के को पसंद नहीं कर रहे हैं।

कैश के इस्तेमाल की बड़ी वजह

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के अर्थशास्त्री अय्याला श्री हरि नायडू के अनुसार, 100 रुपये के नोट के अधिक प्रचलित उपयोग का एक कारण लोगों की कम आय है। अय्याला श्री हरि नायडू ने कहा कि हमारे देश में 90% लोगों की आय कम है, जिसके कारण वे आमतौर पर 100 रुपये से 300 रुपये तक का सामान खरीदते हैं और ऐसे में लोग डिजिटल लेनदेन के बजाय नकद देना पसंद करते हैं।

देश में कैश की बढ़ोतरी

रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 के दौरान कैश की मात्रा में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा 34.9% की हिस्सेदारी 500 रुपये की थी। IIT खड़गपुर में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर गौरीशंकर एस हिरेमठ का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों द्वारा आपात स्थिति के लिए धन जमा करने की खबरें थीं। इस वजह से नोटों की संख्या में इजाफा हुआ है।

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नकली नोटों की संख्या में हुई वृद्धि

RBI के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। एक साल में 500 रुपये के नकली नोट दोगुने हो गए हैं। पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये के 101.9 फीसदी और 2,000 रुपये के 54.16 फीसदी ज्यादा नोटों का पता लगाया है जो सरकार के लिए चिंता का विषय है। RBI ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक बैंकों में जमा 500 और 2000 रुपये के नोटों में से 87.1% नकली नोट थे। 31 मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 85.7% था। बैंक ने कहा कि यह 31 मार्च, 2022 तक प्रचलन में कुल नोटों का 21.3% था।

50 रुपये और 100 रुपये के नकली नोटों में आई गिरावट

पिछले साल के मुकाबले 10 रुपये के नकली नोटों में 16.4% और 20 रुपये के नोटों में 16.5% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा 200 रुपये के नकली नोटों में 11.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अच्छी बात यह है कि पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो इस वित्तीय वर्ष में 50 रुपये के नकली नोटों में 28.7% और 100 रुपये के नकली नोटों में 16.7 फीसदी की गिरावट आई है।

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