
देश में 21 जून से टीकाकरण अभियान की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने पूरी तरह अपने हाथों में ले ली थी| तब से देश में सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जा रही है और टीकाकरण अभियान में भारत ने कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं| हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देश के 60% योग्य आबादी पूरी तरह इससे वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। केंद्र सरकार के अथक कोशिशों के वजह से ही भारत आज कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूती से लड़ पा रहा है। एक आरटीआई में यह पता चला है कि भारत सरकार ने 1 मई से 20 दिसंबर तक मुफ्त में वैक्सीनेशन में 19675 करोड़ रुपया खर्च कर चुकी है।
अमित कुमार नाम के एक सोशल वर्कर द्वारा दायर की गई आरटीआई के जवाब में मोदी सरकार ने बताया कि केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुक्त कराना वैक्सीन की सप्लाई करने पर 19675 करोड रुपए खर्च किए हैं। हालांकि यह अभी केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 में वैक्सीन के लिए आवंटित किए गए 35000 करोड़ रुपए के बजट से काफी कम है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन सेल के तरफ से जानकारी दी गई कि 20 दिसंबर तक सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर 117.56 करोड़ वैक्सीन दी जा चुकी है| साथ ही प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर लगभग 4.18 करोड़ डोज दी गई। जिसमें कोविशील्ड की 3.55 करोड़, कोवैक्सीन की 51 लाख और स्पुतनिक वी वैक्सीन की 11 लाख डोज दी गयी। आपको बता दें कि पूरे देश में 21 जून से प्रभावी राष्ट्रीय कोविड-19 का कारण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश के तहत देश के वैक्सीन निर्माताओं के पास अपने मासिक वैक्सीन उत्पाद का 25 फीसदी टीका निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराने का विकल्प है और कोई भी बचा हुआ टीका सरकार द्वारा ही खरीदा जाता है।
Published on:
24 Dec 2021 04:22 pm
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