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रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन का बदला रुख, दोनों देशों को जल्द से जल्द शांति-वार्ता करने की दी सलाह

China On Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज एक साल पूरा हो गया है। एक साल से चल रहे इस युद्ध में अब तक भारी तबाही मच चुकी है। जिस चीन ने शुरू से इस युद्ध के बारे में चुप्पी साध रखी थी, अब उसी चीन ने अपना रुख बदलते हुए रूस और यूक्रेन को इस बारे में एक सलाह दी है।

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China calls for peace between Russia and Ukraine

पिछले साल 24 फरवरी को जब रूस (Russia) की आर्मी ने यूक्रेन (Ukraine) में घुसपैठ करते हुए हमला कर दिया था तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह युद्ध ज़्यादा लंबा चलेगा। पर देखते ही देखते आज इस युद्ध को एक साल पूरा हो गया है। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के आदेश पर शुरू हुए इस युद्ध को जल्द से जल्द अपने अंजाम तक पहुँचाकर यूक्रेन पर कब्ज़ा करना चाहते थे, पर इस मकसद में उन्हें सफलता नहीं मिली। इस युद्ध से अब-तक जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन छोड़कर भी चले गए। इस युद्ध में दुनिया के कई देशों ने जहाँ खुले तौर पर यूक्रेन की मदद की, कुछ देशों ने पर अपनी चुप्पी भी बनाई रखी। इनमें चीन (China) भी शामिल है। पर अब अचानक से चीन ने इस मामले में अपना रुख बदल लिया है।

जल्द से जल्द शांति-वार्ता करने की दी सलाह

शुरू से चीन ने इस युद्ध के विषय में अपनी चुप्पी बनाई रखी थी। साथ ही गुप-चुप तरीके से चीन रूस की मदद भी करता रहा। पर अब इस पूरे मामले में चीन ने अपना रुख बदल लिया है। चीन ने रूस और यूक्रेन को शांति-वार्ता को फिर से शुरू करने की सलाह दी है। चीन ने दोनों देशों को जल्द से जल्द शांति-वार्ता के ज़रिए इस मामले को सुलझाने की अपील की है। चीन ने यह बात रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरा होने के मौके पर कही है।


यह भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल: जानिए जानमाल का कितना नुकसान, यूक्रेन पर कब्जा क्यों नहीं कर पा रहा रूसपरमाणु हथियारों का नहीं होना चाहिए इस्तेमाल

चीन ने रूस और यूक्रेन को जल्द से जल्द शांति-वार्ता शुरू करने के साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। कुछ दिन पहले ही रूस ने परमाणु संधि समझौते से अपना नाम वापस लिया है, जिसके बाद से रूस के इस युद्ध को खत्म करने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की आशंका जताई जा रही थी। इसी बात के मद्देनज़र चीन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ स्टैंड लिया है।

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