
गृहमंत्री अमित शाह से 24 फरवरी को गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने एसटी सीट आरक्षण के लिए की थी मुलाकात।
नई दिल्ली। गोवा में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने वो काम कर दिखाया, जो पिछले 20 साल से नहीं हो पाया था। उनकी पहल से अब गोवा विधानसभा में पहली बार जनजातीय समाज(ST) के लिए 4 सीटें आरक्षित करने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से एक मीटिंग की और 12 दिन बाद ही मोदी कैबिनेट ने सीटों के आरक्षण से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी। माना जा रहा है कि असम की तरह गोवा में भी जल्द परिसीमन की कवायद भी शुरू होगी और 2027 में अगले विधानसभा चुनाव से पहले ही 4 सीटें एसटी के लिए रिजर्व हो जाएंगी।
दरअसल, गोवा में करीब 11-12 प्रतिशत एसटी की आबादी है। राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सीट रिजर्व है, लेकिन अनुसूचित जनजाति(एसटी) के लिए अब तक नहीं हो पाई थी। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के संज्ञान में यह बात आई तो उन्होंने राज्य में जनजातीय समाज की आबादी से लेकर दूसरे राज्यों में इस तर्ज पर सीटों के आरक्षण आदि के संबंध में पहले खुद अध्ययन किया और पूरी रिपोर्ट तैयार की।
इसके बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत राज्य के एसटी नेताओं को साथ लेकर गृहमंत्री अमित शाह से बीते 24 फरवरी को उनके आवास पर मिले थे। चूंकि परिसीमन गृहमंत्रालय के क्षेत्राधिकार में आता है तो गृहमंत्री शाह ने इस मांग को पूरी करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए गृहमंत्री शाह ने इस केस को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री ने भी दे दी हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते 7 मार्च को कैबिनेट की बैठक में गोवा में जनजातीय समाज के लिए सीटों के आरक्षण से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी। अब अगले संसद सत्र में यह विधेयक पास होगा और फिर परिसीमन की कवायद शुरू होगी। जिस तरह से केंद्र ने रुचि दिखाई है, उससे अगले विधानसभा चुनाव से पहले ही 4 सीटों का कोटा लागू हो जाने की संभावना है।
Published on:
08 Mar 2024 10:46 pm
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