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दिल्ली: यमुना के उफान से बाढ़ का खतरा बढ़ा, 10 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया

प्रशासन के अनुसार पिछले तीन दिनों में यमुना के तटवर्ती इलाकों समेत प्रीत विहार, गांधी नगर और मयूर विहार जैसे इलाकों से 10,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

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दिल्ली। यमुना के उफान से बाढ़ का खतरा बढ़ा, 10 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया

नई दिल्ली। उत्तरी भारत के राज्यों में हो रही तेज बारिश ने आम जन-जीवन को प्रभावित कर दिया है। इसका सबसे बड़ा असर राजधानी दिल्ली और उससे सटे इलाकों पर पड़ रहा है। यमुना नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है और उससे ऊपर बह रहा है। यमुना के तटवर्ती इलाकों समेत दिल्ली के कई इलाकों के जलमग्न होने की आशंका उभर आई है। वहीं, यमुना के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

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10 हजार लोगों को किया शिफ्ट

बाढ़ के खतरे को भांपते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। इसके लिए राजधानी में कई स्थानों पर अस्थाई शिविर बनाए गए हैं। प्रशासन के अनुसार पिछले तीन दिनों में यमुना के तटवर्ती इलाकों समेत प्रीत विहार, गांधी नगर और मयूर विहार जैसे इलाकों से 10,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। पूर्वी जिला प्रशासन के अनुसार 37 नाव समेत 250 से अधिक बचावकर्मी राहत कार्यों में लगाए गए हैं। इसके साथ ही यमुना से सटे इलाकों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

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ऐसे बिगड़े हालात

दरअसल, यमुना में बाढ़ की यह स्थिति हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से हुई है। मिली जानकारी के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से अभी तक 6 लाख से क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है। जिससे दिल्ली के इलाकों की डूबने की आशंका बढ़ा दी है। वहीं प्रशासन का कहना है कि हरियाणा से पानी छोड़ने में जैसी ही कमी आती है तो यमुना का जलस्तर में गिरावट देखने को मिलेगी।