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केजरीवाल-सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे…दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा फांसीघर विवाद मामला

Phansi Ghar Controversy: दिल्ली विधानसभा सचिवालय के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि फांसीघर विवाद मामले में AAP नेता विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हो रहे हैं।

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Delhi Phansi Ghar controversy Delhi High Court Arvind Kejriwal Manish Sisodia not cooperating investigation

दिल्ली फांसीघर विवाद मामला।

Phansi Ghar Controversy: दिल्ली में एक बार फिर फांसीघर विवाद पर माहौल गरमा गया है। अब दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कई बार समन जारी होने के बाद विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। इसपर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है। दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि इस नोटिस से पता चलता है कि यह कार्यवाही किसी शिकायत पर रिपोर्ट पर आधारित नहीं है। इसके अलावा इस नोटिस में किसी विशेषाधिकार हनन या अवमानना क उल्लेख भी नहीं है।

विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने जारी किया समन

दरअसल, दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने फांसी घर विवाद पर अपना तथ्य स्पष्ट करने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, राम निवास गोयल और राखी बिड़ला को समन जारी किया था। इसके तहत पहले उन्हें 13 नवंबर को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होना था। जब वह 13 नवंबर को पेश नहीं हुए तो उन्हें दोबारा समन जारी कर 20 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया, लेकिन इस बार भी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत AAP नेता पेश नहीं हुए।

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील ने क्या कहा?

इसी को लेकर सोमवार को दिल्ली विधानसभा सचिवालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि आम आदमी पार्टी (AAP) नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया फांसीघर मुद्दे पर विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि इसके लिए उन्हें दो बार समन जारी किया जा चुका है। वह एक बार भी समिति के सामने पेश नहीं हुए। मामले को सुनने के बाद जस्टिस सचिन दत्ता इसकी अगली सुनवाई 12 दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी है।

समिति के समक्ष पेश नहीं हुए नेता

विधानसभा सचिवालय का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट जयंत मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि AAP नेताओं ने इस मामले से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में लंबित होने का हवाला दिया है। जयंत मेहता ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के सामने कहा "याचिकाकर्ताओं केजरीवाल और सिसोदिया की ओर से लगातार सहयोग नहीं किया जा रहा है। वे विशेषाधिकार कमेटी के समक्ष एक बार भी पेश नहीं हुए हैं। यह उनका आचरण है।" मेहता के अनुसार, वादियों ने अदालत के समक्ष दावा किया है कि वे अंतरिम राहत नहीं चाहते हैं, इसके बावजूद वो कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं और लंबित याचिका का हवाला देकर अपनी उपस्थिति टालने की कोशिश कर रहे हैं।

अब जानिए क्या है 'फांसीघर' विवाद?

दरअसल, दिल्ली विधानसभा का फांसीघर विवाद ब्रिटिश काल के एक ढांचे से जुड़ा है। आम आदमी पार्टी की तत्कालीन सरकर ने साल 2022 में इसे ब्रिटिश काल का फांसी घर बताकर जीर्णोद्धार कराने के बाद उद्घाटन किया। इसके बाद जब फरवरी 2025 में भाजपा सत्ता में आई तो विधानसभा अध्यक्ष बिजेंद्र गुप्ता ने इसे टिफिन रूम बताया। इस दौरान बिजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और मामले की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया।

20 नवंबर को भी पेश नहीं हुए AAP नेता

इस मामले में दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने अपनी जांच शुरू करते हुए तत्कालीन सरकार में पदासीन रहे AAP नेताओं को अपना पक्ष रखने के लिए समन जारी किया। इसके तहत तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सियोदिया समेत वरिष्ठ नेता राम निवास गोयल और राखी बिड़ला को समन जारी किया गया। इन नेताओं को पहले समन जारी कर 13 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया, लेकिन जब वो 13 नवंबर को पेश नहीं हुए तो दोबारा समन जारी करते हुए 20 नवंबर की तारीख तय की गई।