
द्वारका हादसा: बेटी को बचाने में गई पिता की जान, बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल
नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका में छत गिरने की वजह से दो की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे घायल है। हादसे ने तीनों बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छीन लिया है। वहीं, मां-बाप की मौत के बाद बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। नौ साल की राधिका रोते -रोते बस यही बोल रही है कि पापा मुझे बचाने में खुद ही छत के नीचे दब गए। बता दें कि रविवार को द्वारका के ककरोला डेयरी इलाके के हरि विहार में घर की छत गिरने से सुनील और उनकी पत्नी की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे घायल है। पूरा परिवार RZ-92 नंबर वाले मकान में रहता था।
बेटी को बचाने में गई पिता की जान
पुलिस ने बताया कि पिता सुनील की मौत अपनी 9 साल की बेटी को बचाते समय हुई। पुलिस के मुताबिक जैसे ही दीवार गिरने लगी सुनील ने बेटी को पूरी तरह से ढक लिया। वहीं, बचाव दल के अनुसार सुनील और बेटी राधिका दोनों एक ही पोजिशन में मलबे के नीचे दबे मिले। इस दौरान बच्ची की तो जान बच गई लेकिन सुनील की मौत हो गई।
बेटी का रो-रो कर बुरा हाल
बता दें कि राधिका को हादसे में कई फ्रैक्चर आए हैं। वहीं, जब राधिका को पिता की मौत के बारे में बताया गया तो उसका रो-रो कर बुरा हाल है। बच्ची रोते-रोत बस एक बात ही कह रही है कि पापा मुझे बचान के वजह से खुद छत के नीचे दब गए। उसने कहा, 'पिता सुनील ने हमारा भविष्य संवारने के लिए कई कुर्बानियां दीं, वह मेरे लिए कवच बने ताकि मैं सुरक्षित रहूं।'
दोनों बेटे मलबे में आधे-आधे नजर आ रहे थे
पुलिस ने बताया कि छत बिलकुल बीच में गिरी थी। छत गिरने की इतनी तेज आवाज हुई की पड़ोसी उसी वक्त वहां पहुंच गए। वहीं, मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। बजाव कार्य के लिए दीवार के एक हिस्से को तोड़कर जब लोग अनंद पहुंचे तो देखा की दोनों बेटे मलबे में आधे-आधे नजर आ रहे थे। पुलिस ने लाइट का इंतजाम किया और फिर एक घंटे तक मलबा हटाने के बाद सभी को बाहर निकाला जा सका।इसके बाद सभी को पीसीआर और कैट्स एंबुलेंस की मदद से पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां से दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल रेफर किया गया। जहां सुनील और रचना को मृत घोषित कर दिया गया।
Published on:
24 Jul 2018 11:21 am
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