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चैतन्यानंद की पुरानी शिकार ही बनती थीं मददगार…पूर्व छात्र ने बताई यौन शोषण की पूरी कहानी

Sri Sharada Institute Delhi: श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व छात्र ने जो खुलासा किया है, उससे संस्थान में भारी तनाव का माहौल है। छात्राओं और उनके अभिभावकों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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Swami Chaitanyananda Saraswati called girls to his room and destroyed evidence

दिल्ली में छात्राओं का यौन शोषण मामला। (सांकेतिक तस्वीर)

Sri Sharada Institute Delhi: शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में डायरेक्टर पद पर कार्यरत चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार और छेड़छाड़ के गंभीर आरोपों ने शिक्षा जगत को सकते में डाल दिया है। 17 छात्राओं की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद अब संस्थान के एक पूर्व छात्र ने चैतन्यानंद की करतूतों को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। इसके बाद संस्‍थान से लेकर बच्चियों के माता-पिता तक सनसनी फैल गई है।

पूर्व छात्र के खुलासे ने फैलाई सनसनी

श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व छात्र ने जो खुलासा किया है, उससे संस्थान में भारी तनाव का माहौल है। छात्राओं और उनके अभिभावकों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, शिक्षा मंत्रालय और संबंधित विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू करने का आदेश दिया है। इस विवाद ने न केवल संस्थान की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र में छात्रों की सुरक्षा और नैतिक जिम्मेदारी के सवाल भी खड़े कर दिए हैं। पूर्व छात्र का कहना है कि एक बार आधी रात को चैतन्यानंद के ऑफिस से फटे कपड़ों में एक छात्रा भागती हुई हॉस्टल पहुंची थी। चैतन्यानंद ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे। इस दौरान विरोध के दौरान उसके कपड़े तक फाड़ डाले। यह बात इंस्टीट्यूट प्रशासन ने उस समय दबा ली।

नए सत्र की शुरुआत से शुरू होता था छात्राओं का चयन

पूर्व छात्र ने बताया कि चैतन्यानंद नए सत्र की शुरुआत होते ही अपने लिए छात्राओं का चयन करता था। वह उन्हें शिकार बनाने के लिए लालच और धमकी दोनों का इस्तेमाल करता था। छात्रा को प्रभावित करने के लिए वह उन्हें विदेशी दौरों, कार, लैपटॉप और स्मार्टफोन जैसे आकर्षक ऑफर देता था। वसंत कुंज स्थित इस प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान के पूर्व छात्र ने बताया कि एडमिशन के साथ ही चैतन्यानंद छात्राओं को चुनने और उन्हें अपने कमरे तक लाने में जुट जाता था।

चैतन्यानंद खुद खोजता था शिकार

इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्र ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा “जैसे ही नई छात्राओं का एडमिशन होता था। बतौर डायरेक्टर स्वामी चैतन्यानंद की ‘सलेक्शन’ प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। पहले वो शिकार बनाने वाली छात्राओं को चुनता था। इसके बाद उनसे संपर्क कर उन्हें बेहतर सुविधाओं का लालच दिया जाता था। इसमें अच्छे अंक, विदेश में इंटर्नशिप और प्रतिष्ठित प्लेसमेंट जैसी बातें शामिल थीं। जो छात्राएं ऑफर स्वीकार करती थीं, उनके लिए रास्ता आसान होता था, जबकि चैतन्यानंद का ऑफर ठुकराने वाली छात्राओं की इंस्टीट्यूट में परेशानियां बढ़ा दी जाती थीं।”

छात्राओं के वॉशरूम में लगवा दिए हिडन कैमरे

पूर्व छात्र ने कहा कि जिन छात्राओं ने ऑफर ठुकराया, उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाती थी, किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी जाती थी और कई बार उन्हें कॉलेज से निकालने तक की धमकी दी जाती थी। यहां तक कि उनके माता-पिता को भी परेशान किया जाता था। चैतन्यानंद सुरक्षा के बहाने बनाकर गर्ल्स हॉस्टल में सीसीटीवी लगवाता था। यहां तक कि वह छात्राओं के वॉशरूम में भी हिडन कैमरे सेट करवा देता था, उन कैमरों का एक्सेस उसके मोबाइल पर होता था। इससे वह छात्राओं को नहाते हुए देखता और बाद में उनसे व्हाट्सएप पर अश्लील बातें करता।

पहले शिकार बन चुकी महिला स्टाफ करती थी मदद

पूर्व छात्र ने ये भी बताया कि नई छात्राओं के चयन की प्रक्रिया का पूरा नियंत्रण चैतन्यानंद के पास था। पूर्व छात्र ने बताया “स्वामी खुद छात्राओं से एक-एक करके बातचीत करता था और उनका चुनाव करता था। वह लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग क्लास लेता था और इसी दौरान लक्षित छात्राओं को चिन्हित करता था। इसके बाद कुछ महिला स्टाफ को उन्हें संपर्क में लाने और अपने कमरे तक पहुंचाने के लिए लालच या धमकियों का इस्तेमाल करने को कहा जाता था।”

पूर्व शिकार छात्राओं को इंस्टीट्यूट में दी नौकरी

पूर्व छात्र ने यह भी खुलासा किया कि कई महिला स्टाफ, जो अब संस्थान में काम कर रही हैं। वह पहले खुद चैतन्यानंद की शिकार बन चुकी थीं। मौजूदा महिला कर्मचारियों में से कुछ यहीं पढ़ी हैं और उन्हें भी विदेशी दौरों के साथ विशेष ऑफर दिए गए थे। इसपर उन्होंने चैतन्यानंद की बातें मान लीं। इसके चलते उन्हें विदेशी दौरे और अन्य सुविधाएं मिलीं कि नहीं, ये कहना मुश्किल हैं, लेकिन उन्हें नौकरी संस्‍थान में मिल गई। इसके बाद अब वही महलिि स्टाफ अन्य छात्राओं को चैतन्यानंद के कमरे तक पहुंचाने में मदद करती हैं।”