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गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंचा दिल्ली नगर निगम का मामला, AAP ने लिखी चिट्ठी

Garbage Fee Case in Delhi: दिल्ली के मेयर महेश कुमार ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को हटाने की मांग की है।

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Garbage Fee Case in Delhi: गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंचा दिल्ली नगर निगम का मामला, AAP ने लिखी चिट्ठी

Garbage Fee Case in Delhi: गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंचा दिल्ली नगर निगम का मामला, AAP ने लिखी चिट्ठी

Garbage Fee Case in Delhi: दिल्ली में एमसीडी कमिश्नर के हाउस टैक्स के साथ कचरा उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने की घोषणा पर दिल्ली में बवाल मच गया है। नगर निगम में सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी ने जहां इस फैसले पर नाराजगी जताई है। वहीं भाजपा ने इसे लेकर प्रदर्शन तक किया। साथ ही रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने दिल्ली नगर के इस कदम को ईमानदार टैक्सपेयर्स को और अधिक सजा देने जैसा बताया है। इसी बीच आम आदमी पार्टी के मेयर महेश कुमार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर नगर निगम (एमसीडी) कमिश्नर अश्वनी कुमार को हटाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कमिश्नर ने सदन से परामर्श किए बिना प्रॉपर्टी टैक्स देने वाले नागरिकों पर अतिरिक्त यूजर चार्ज थोप दिए हैं।

AAP नेता और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी मेयर के साथ एमसीडी कमिश्नर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिकों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डालना गलत है और यह केवल उन्हें परेशान करने की रणनीति है। सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि इस साल के एमसीडी बजट में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कई छूट दी थीं। साथ ही 12,000 नगर निगम कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला भी लिया गया था।

अब दिल्ली मेयर की चिट्ठी हूबहू पढ़िए…

दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर द्वारा हाउस टैक्स के साथ कचरा उपयोगकर्ता शुल्क जोड़ने की योजना को लेकर दिल्ली में सियासी पारा चढ़ गया है। आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर एमसीडी कमिश्नर को हटाने की मांग की है। यह पत्र आम आदमी पार्टी के मेयर महेश कुमार की ओर से लिखा गया है। 'आप’ मेयर महेश कुमार ने पत्र में लिखा “माननीय गृहमंत्री जी। विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान दिल्ली नगर निगम की ओर दिलाना चाहता हूं। चूंकि दिल्ली नगर निगम देश की सबसे बड़ी स्वायत एवं संवैधानिक संस्था है। जो दिल्ली की एक बहुत बड़ी आबादी को आवश्यक नागरिक सुविधाएं प्रदान करने तथा दिल्ली को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने में प्रमुख जिम्मेदारियों का निर्वहन करती है।”

मेयर महेश कुमार ने पत्र में आगे लिखा “उपरोक्त जिम्मेदारियों के भली-भांति कार्यान्वयन में निगम के कार्यपालक अधिकारियों एवं (डेलीवेरिटिव विंग्स) विधायी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ परस्पर समन्वय एवं सहयोग आवश्यक है। परन्तु, बड़े खेद के साथ आपको यह अवगत कराना पड़ रहा है कि पिछले कुछ दिनो से कार्यपालक अधिकारी, आयुक्त दिल्ली नगर निगम का रवैया उदासीन रहा है। पिछले कुछ महीने पहले दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक जोकि निगम की सर्वोच्च प्राधिकारी है, में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये जो दिल्ली की जनता के हित में थे।”

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'आप’ मेयर महेश कुमार ने केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा “दिल्ली की जनता को महंगाई एवं टैक्स से राहत देने के लिए निगम सदन में सम्पत्ति कर के लिए 'आप’ माफी योजना का प्रस्ताव पास किया गया। निगम के 12000 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव भी पास किया गया तथा उनके वेतन के लिए बजट में प्रावधान भी किया गया। दिल्ली नगर निगम द्वारा निगम सदन के परामर्श एवं सहमति के बिना दिल्ली की जनता के उपर यूजर चार्ज के रूप में अतिरिक्त बोझ डाला गया जो कि उचित नहीं है।”

महेश कुमार ने आगे लिखा “इसके लिए भी मैंने महापौर होने के नाते दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं आयुक्त को पत्र लिखा कि इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। परन्तु उपरोक्त किसी भी विषय पर आयुक्त महोदय द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई जो कि उनके निगम एवं दिल्ली की जनता के प्रति उदासीन रवैया को दर्शता है। अतः यह आशा की जाती है कि आप दिल्ली की जनता के हितों को सुरक्षित रखने में अपना अहम योगदान देंगे तथा दिल्ली नगर निगम में एक सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को निगम के प्रमुख कार्यपालक अधिकारी (आयुक्त) के रूप में नियुक्त करेंगे।”