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300 वर्षों से हरदीप पुरी के परिवार के पास संरक्षित हैं गुरु गोबिंद सिंह की पादुका, अब सभी के दर्शनार्थ रखने की इच्छा

ये पवित्र धरोहर 300 साल से ज्यादा पुरानी हैं, जिन्हें खुद गुरु गोबिंद सिंह ने पुरी परिवार के पुरखों को सौंपा था।

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धरोहर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली सिख संगत
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के नेतृत्व में सिख संगत ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह और उनकी पत्नी साहिब कौर के ‘जोड़े साहिब’ की सुरक्षा और सम्मानजनक सार्वजनिक प्रदर्शन की सिफारिश सौंपी। ये पवित्र धरोहर 300 साल से ज्यादा पुरानी हैं, जिन्हें खुद गुरु गोबिंद सिंह ने पुरी परिवार के पुरखों को सौंपा था। तब से पुरी परिवार की पीढिय़ां इन्हें संरक्षित रखे हुए हैं। दरअसल, जोड़े साहिब दो अलग-अलग पादुकाएं हैं। एक गुरु गोबिंद सिंह के दाहिने पैर (11x3.5 इंच) और दूसरा साहिब कौर के बाएं पैर (9x3इंच) की हैं।
पुरी ने एक्स पर लिखा, करीब 300 वर्ष पहले खुद गुरु साहिब और माता साहिब कौर जी ने हमारे पूर्वजों को ये निशानियां सौंपी थी। माना जाता है कि हमारे पूर्वजों की सेवा से प्रसन्न होकर गुरु महाराज ने इसके बदले कोई पुरस्कार मांगने को कहा था। तब पूर्वज ने उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें पवित्र जोड़े साहिब प्रदान करें ताकि गुरु साहिब और माताजी का सीधा आशीर्वाद उनके परिवार और आने वाली पीढिय़ों को मिलता रहे। पुरी ने बताया कि जोड़े साहिब के अंतिम संरक्षक मेरे दिवंगत चचेरे भाई सरदार जसमीत सिंह पुरी थे, जो दिल्ली के करोल बाग की एक गली में रहते थे। इन अनमोल पवित्र निशानियों के सम्मान में ‘गुरु गोबिंद सिंह मार्ग’ रखा गया।

…ताकि पवित्र निशानियां देख सकें
पुरी ने बताया, चूंकि मैं अब परिवार में सबसे बड़ा हूं, तो दिवंगत चचेरे भाई की पत्नी मनप्रीत ने मुझे इन पवित्र निशानियों के लिए कोई उपयुक्त स्थान तलाश करने को कहा, ताकि ज्यादा से ज्यादा सिख श्रद्धालु जोड़े साहिब के दर्शन कर अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकें। इन निशानियों के संभावित सार्वजनिक प्रदर्शन को लेकर संस्कृति मंत्रालय से सावधानीपूर्वक जांच करवाई। ऐतिहासिक और आध्यात्मिकता के लिए कार्बन परीक्षण किया गया।

गौरवशाली इतिहास का अभिन्न हिस्सा
‘जोड़े साहिब’ जैसी मूल्यवान पवित्र निशानियां हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक परंपरा के साथ-साथ गौरवशाली सिख इतिहास का भी अभिन्न हिस्सा हैं। ये आने वाली पीढिय़ों को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा दिखाए गए साहस, धार्मिकता, न्याय और सामाजिक सद्भाव के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


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