
मस्क की कंपनी इंसानों के दिमाग में चिप लगाने की तैयारी में
वॉशिंगटन. इंसान के दिमाग को कंप्यूटर से जोडऩे की तकनीक (ब्रेन-मशीन इंटरफेस) पर काफी समय से शोध हो रहे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक कुछ विशेष मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है। दुनिया की सबसे अमीर हस्ती एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक कॉर्प अगले छह महीने में इंसानी दिमाग में चिप लगाने की योजना बना रही है। यह चिप सिक्के के आकार की होगी।
एलन मस्क के मुताबिक इस बारे में अमरीकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ कंपनी की चर्चा के बाद अगले छह महीने में पहले इंसानी परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है। न्यूरालिंक का लक्ष्य दिमाग के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में भी चिप प्रत्यारोपण का है। एक चिप को रीढ़ की हड्डी में लगाया जाएगा। कंपनी का मानना है कि लकवाग्रस्त व्यक्ति इससे स्वस्थ हो सकता है। इसके अलावा इंसानी दृष्टि को बेहतर बनाने वाली तकनीक पर भी काम चल रहा है। एलन मस्क ने कहा, 'यह सुनने में चमत्कारी लगता है। हमें विश्वास है कि हम इसे पूरा कर सकेंगे। हमारी टेक्नोलॉजी पूरे शरीर को ठीक कर सकेगी। किसी की रीढ़ की हड्डी टूटी हो तो उसे भी ठीक किया जा सकेगा।
मरीज बगैर बोले कह सकेगा अपनी बात
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक से बीमार व्यक्ति बगैर बोले सिर्फ सोचने से अपनी बात कह सकेगा। न्यूरालिंक का दावा है कि उसकी डिवाइस न्यूरोनल एक्टिविटी से मनुष्यों और मशीनों के बीच सूचना का आदान-प्रदान कर सकती है। हालांकि आलोचकों का आरोप है कि मस्क न्यूरालिंक की प्रगति को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं और उन चीजों का वादा कर रहे हैं, जिनकी उम्मीद कम है।
कुछ स्टार्टअप न्यूरालिंक से आगे
ब्रेन-मशीन इंटरफेस तकनीक के ह्यूमन ट्रायल के मामले में कुछ स्टार्टअप न्यूरालिंक से आगे हैं। सिंक्रोन इंक नाम की कंपनी ऑस्ट्रेलिया और अमरीका में मरीजों के दिमाग में छोटा-सा स्टेंट के आकार का उपकरण लगाने में सक्षम रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस उपकरण के जरिए बिना बोले मरीज अपने विचारों को कंप्यूटर के जरिए कह सकते हैं।
Published on:
01 Dec 2022 11:32 pm
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