
नई दिल्ली. देश के प्रतिष्ठित आइआइटी संस्थानों में महिला अभ्यर्थियों का प्रवेश आज भी सुपर न्यूमरेरी सीटों के ही भरोसे है। इस वर्ष आइआइटी संस्थानों की 18,188 सीटों में से जेंडर न्यूट्रल श्रेणी में मात्र 31 महिला अभ्यर्थियों ही प्रवेश पा सकी। यह आंकड़ा कुल सीटों का मात्र 0.17 फीसदी ही है। यह खुलासा जेईई एडवांस्ड-2025 को लेकर आइआइटी कानपुर की ओर से जारी जॉइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी (जेआईसी) की रिपोर्ट में हुआ। इस रिपोर्ट में परीक्षा परिणाम, प्रश्न-पत्र विश्लेषण, विभिन्न श्रेणी के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की संख्या और टॉप-5000 रैंकर्स को आवंटित आइआइटी संस्थानों के पाठ्यक्रमों का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्ष में जेंडर न्यूट्रल कोटा से आइआइटी संस्थानों में पहुंचने वाली महिला अभ्यर्थियों की संख्या 100 तक भी नहीं पहुंच पायी है। ऐसे में महिला अभ्यर्थी को 20 फीसदी मिलने वाले सुपर न्यूमरेरी सीटों के ही भरोसे हैं। इस आधार पर इस बार 3,633 महिला अभ्यर्थियों को आइआइटी संस्थानों में प्रवेश मिला।
मैथमेटिक्स टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन जैसे प्रयास हों
महिला अभ्यर्थियों की गणित और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे। मिडिल/सेकेंडरी कक्षाओं में ही राष्ट्रीय स्तर के मैथमेटिक्स टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन फॉर फीमेल्स प्रारंभ किए जाने चाहिए। इससे महिलाओं में गणित और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़े और मल्टी-कांसेप्चुअल तथा क्रिटिकल-थिंकिंग बेस्ड सवाल हल सकें। -देव शर्मा, एज्युकेशन काउंसलर
Published on:
27 Aug 2025 12:26 am
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
