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पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश, सीमा हैदर पर कितना लागू होगा फैसला?

Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले का पाकिस्तानी कनेक्‍शन सामने आने के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया है। इसके तहत सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी गई। साथ ही एसवीईएस वीजा पर भारत आए पाकिस्तानियों को भी 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

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Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश, सीमा हैदर पर कितना लागू होगा फैसला?

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश, सीमा हैदर पर कितना लागू होगा फैसला?

Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने न सिर्फ सिंधु जल संधि पर रोक लगा दी है। जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति प्रभावित होगी। बल्कि 48 घंटों के भीतर पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का निर्देश भी दिया गया है।

इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सीमा हैदर को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि भारत सरकार के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके में रह रही पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर का क्या होगा? क्या उसे भी भारत से वापस भेजा जाएगा? एक तरह से सोशल मीडिया पर लोग इसे मुद्दा बना रहे हैं। इसपर सोशल मीडिया की यूजर्स की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। साथ ही सीमा हैदर को पाकिस्तान भेजने की मांग भी पुरजोर तरीके से उठने लगी है।

हमले के बाद सीमा हैदर भी निशाने पर आई

पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद देशभर में आतंकवाद के खिलाफ भारी आक्रोश है। इसी बीच केंद्र सरकार के कड़े फैसले के बाद सोशल मीडिया ‘X’ पर लोगों ने सीमा हैदर को लेकर भी चर्चा शुरू कर दी। इस दौरान एक महफूज रहमान नाम के यूजर ने लिखा “केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने को कहा है। सवाल यह है कि क्या सीमा हैदर को भी भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना होगा? सीमा हैदर ने भारतीय नागरिक सचिन मीणा से शादी की है,सचिन से उसका एक बच्चा भी है।”

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वहीं नरेंद्र प्रताप नाम के एक अन्य ‘X’ यूजर ने सीमा हैदर को पाकिस्तान भेजने की मांग करते हुए लिखा “बिना वीजा के भारत में आकर घर बसाने वाली पाकिस्तानी सीमा हैदर के बारे में भी भारत सरकार को फैसला लेना चाहिए। यह कौन से नियम से भारत (जेवर) में है? यही सहिष्णुता भारत की दुश्मन है। भारत में आकर सीमा हैदर सनातनी होने का पाखंड करती है और सरकार का ऐजेन्डा चलाती है। बस, इसी से सरकारें खुश है। इसकी पाकिस्तान वापिसी कब होगी?”

सीमा हैदर को तत्काल नहीं जाना होगा पाकिस्तान

हाल ही में सचिन मीणा के बच्चे की मां बनी सीमा हैदर पर फिलहाल भारत सरकार के इस निर्णय का कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इसका कारण यह है कि अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के विपरीत, सीमा भारत में वैध वीजा लेकर नहीं आई थी। वह अवैध रूप से सीमा पार करके भारत में दाखिल हुई थी और उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जब तक अदालत इस मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं देती। तब तक सीमा हैदर को भारत से निकाला नहीं जाएगा। यानी वह फिलहाल ग्रेटर नोएडा में रह सकती है।

सरकार का आधिकारिक आदेश क्या कहता है?

पहलगाम हमले के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों में यह भी शामिल है कि अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, जो पाकिस्तानी नागरिक SVES वीजा के अंतर्गत भारत में पहले से मौजूद हैं। उन्हें 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के सभी एसवीईएस वीजा तत्काल प्रभाव से रद कर दिए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार के इस आदेश का फिलहाल सीमा हैदर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि सीमा हैदर बिना वीजा भारत आई हैं।

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क्या है एसवीईएस वीजा, कैसे हुई शुरुआत?

दरअसल, पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 29 से 31 दिसंबर 1988 को आयोजित हुए चौथे शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने सार्क देशों के स्‍थानीय निवासियों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए एक समझौता किया था। इसमें कुछ श्रेणियां निर्धारित की गईं। जिन्हें सार्क देशों की विशेष यात्रा का अधिकारी माना गया। तर्क दिया गया था कि इससे सार्क देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ने से व्यापार और भाईचारे में बढ़ोतरी होगी। इसमें 24 श्रेणियां शामिल की गईं। जिनमें गणमान्य व्यक्ति, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी, पत्रकार और खिलाड़ियों को शामिल किया गया। समझौते के तहत इन लोगों को विशेष क्षेत्र की यात्रा करने के लिए एसवीईएस वीजा दिया जाता है। शिखर सम्मेलन के निर्देशानुसार भारत की मंत्रिपरिषद ने इसे साल 1992 में लागू किया था।