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‘5 मिनट में धरना खत्म करो नहीं तो…’, कुलदीप सिंह सेंगर मामले में पुलिस ने दी चेतावनी…HC के बाहर बैठे प्रदर्शनकारी

Kuldeep Singh Sengar: दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने 5 मिनट में धरना खत्म करने की चेतावनी दी।

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Police warn protesters in Kuldeep Singh Sengar case

Kuldeep Singh Sengar: दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दुष्कर्म दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ लोग हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने चेतावनी दी है कि प्रदर्शन 5 मिनट में तुरंत समाप्त करें, अन्यथा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर आपको किसी भी प्रकार का प्रदर्शन करना है तो जंतर-मंतर पर जा सकते हैं।

आपको बता दें कि उन्नाव रेप कांड के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया। अदालत ने कहा कि सेंगर अब तक सात साल पांच महीने की जेल की सजा काट चुके हैं, इसलिए उनकी अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाई जाती है। इसी फैसले को लेकर लोगों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। हालांकि, इस फैसले के बाद भी सेंगर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई है और उस प्रकरण में उन्हें जमानत नहीं मिली है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की तीन जमानतें जमा कराने की शर्त पर बलात्कार मामले में उन्हें जमानत देने का आदेश दिया।

क्या है उन्नाव रेप कांड ?

आपको बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर का मामला यूपी के उन्नाव जिले का है, साल 2017 में वह भाजपा से विधायक थे। तभी उन पर एक नाबालिग लड़की का रेप करने का आरोप लगा। पीड़िता ने बताया कि नौकरी देने के बहाने से उन्होंने आवास पर बुलाया और दुष्कर्म किया। पहले इस मामले की ज्यादा चर्चा नहीं थी, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब पीड़िता ने न्याय न मिलने पर सीएम हाउस के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत और फिर पीड़िता की कार का संदिग्ध एक्सीडेंट होने से पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। मामला इतना पेचिदा हो गया कि इसमें देश की सर्वोच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया गया। साल 2019 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुना दी और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिसके बाद पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उम्र कैद की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवादा खटखटाया। अब दिल्ली उच्च अदालत ने सेंगर की अपील लंबित रहने तक उसकी सजा पर रोक लगा दी है।


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