20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अगले साल से सभी टू-व्हीलर में एबीएस अनिवार्य करने की तैयारी, डीलर को भी देने होंगे दो हेलमेट

सड़क पर सुरक्षा : राजमार्ग मंत्रालय ने हादसों पर निपटने के लिए बनाई योजना

less than 1 minute read
Google source verification

नई दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जनवरी,2026 से सड़क सुरक्षा में सुधार के नए नियम बनाने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय अगले वर्ष से सभी नए निर्मित टू-व्हीलर के लिए एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रहा है। इनमें स्कूटर, मोटरसाइकिल और बाइक शामिल होंगी। इसके साथ ही टू-व्हीलर डीलरों को भी हर वाहन के साथ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) द्वारा प्रमाणित दो हेलमेट उपलब्ध कराने होंगे। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल देश में एबीएस केवल 125 सीसी से ऊपर की बाइक के लिए अनिवार्य है। माना जाता है इस तरह की बाइक सवार 70 किमी/घंटा से अधिक की गति से यात्रा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में स्किडिंग और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर बे्रकिंग सिस्टम की जरूरत होती है।मंत्रालय का मानना है कि यह पहल देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण होगी। गौरतलब है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में टू-व्हीलर चालकों की लगभग 44 फीसदी हिस्सेदारी है। इनमें से अधिकांश मौतें सिर की सुरक्षा के अभाव में लगने वाली गंभीर चोटों से जुड़ी हैं।

इसलिए महत्वपूर्ण है एबीएस

एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम एक सुरक्षा प्रणाली है जो ब्रेक लगाते समय पहियों को लॉक होने से रोकती है। यह प्रणाली गीली और असमान सड़कों पर बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह सिस्टम व्हील सेंसर का उपयोग करता है, जो सड़क की स्थितियों को देखते हुए सक्रिय हो जाता है। हादसे के समय गाड़ी के पहिए लॉक हो जाते हैं, इससे गाड़ी के स्किड होने संभावना अधिक होती है। ऐसी स्थिति में एबीएस इसे रोकता है। अध्ययनों के मुताबिक एबीएस दुर्घटना के जोखिम को 35-45 पर्सेंट तक कम कर सकता है।