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रामचरितमानस विवाद को लेकर राजद में दरार, जगदानंद सिंह से भिड़े शिवानंद तिवारी, उठाई यह मांग

Ramcharitmanas controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर मचा घमासान थमता नजर नहीं आ रही है। हिंदू संगठन, संत समाज और भाजपा नेताओं की आपत्ति के बाद अब राजद में भी इस मामले पर फूट दिख रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने शिक्षा मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है।

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Ramcharitmanas controversy: Rift in RJD, state president raised questions on minister's statement

Ramcharitmanas controversy: बिहार के सत्तारूढ़ राजद में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह की राम चरित मानस पर की गई टिप्पणी को लेकर प्रदेश प्रमुख जगदानंद सिंह के समर्थन करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जाहिर की। पार्टी मुख्यालय में जगदानंद सिंह के साथ बैठे तिवारी ने कहा कि 'राम चरित मानस' पर आपत्ति जताने का पार्टी में कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा- मैं जगदानंद सिंह के बयान से सहमत नहीं हूं। अगर पार्टी ने राम चरित मानस और राम पर आपत्ति जताने का फैसला किया है, तो तेजस्वी यादव की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए और तब निर्णय लिया जाना चाहिए। जहां तक मेरी जानकारी है संबंधित, राम चरित मानस और राम पर आपत्ति जताने के लिए पार्टी द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।


राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने उठाए सवाल


शिवानंद तिवारी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि वह राम को 'महापुरुष' मानते हैं। उन्होंने कहा, वह राम के नाम पर मेले का आयोजन करते थे..प्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन ने राम के सैकड़ों होडिर्ंग्स बनाए। वह सार्वजनिक मंचों पर कई बार राम के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर चुके हैं। तिवारी ने कहा- महात्मा गांधी भी राम को मानते थे। जब उनकी हत्या हुई तो उनके मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे। इसलिए 'राम चरित मानस' में बहुत सारी अच्छी बातें हैं और बड़ी संख्या में लोग इस पर विश्वास करते हैं। हम बुद्ध के बारे में बात करते हैं, एक या दो लोगों को उनके बारे में ज्ञान है लेकिन अगर आप देश में कहीं भी राम के बारे में बात करते हैं तो गांव के अनपढ़ लोग भी आपको उनके बारे में चार-पांच कहानियां सुना देंगे।

अयोध्या के संत के जीभ काटने के ऐलान पर FIR की मांग

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ लाने पर 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा करने वाला फर्जी संत अपराधी है। किसने उसे हिंसा फैलाने का अधिकार दिया। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। जगदानंद सिंह ने दो दिन की चुप्पी के बाद कहा कि पूरी पार्टी यादव के पीछे खड़ी है और वह राम चरित मानस पर अपना बयान वापस नहीं लेंगे।

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नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मंत्री ने दिया था विवादित बयान


उल्लेखनीय हो रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री ने नालंदा ओयपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करने के दौरान एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को बांटने वाली किताब बताया। इसका विरोध किया और कहा कि इस किताब से समाज में नफरत फैलती है।


विवाद बढ़ने पर भी अपने बयानों पर अडिग थे मंत्री


बयान पर विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने कहा कि अमरीका ने जिस शख्स को ज्ञान का प्रतीक कहा वो भीमराव अंबेडकर, उन्होंने मनुस्मृति क्यों जलाई? हम उस राम के भक्त हैं जो शबरी के झूठे बेर खाते हैं उसके नहीं जो शंबूक का वध करे...मेरी जीभ काटने पर फतवा दिया है,हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं इसलिए हम बयान पर अडिग हैं।

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