
दिल्ली लाल किला कार धमाके में बड़ा खुलासा।
Red Fort Blast: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम लालकिला के पास हुए धमाके की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने अब उस सफेद रंग की हुंडई i20 कार और उसके ड्राइवर उमर नबी की पूरी मूवमेंट डिटेल ट्रेस कर ली है। यह कार धमाके से कुछ घंटे पहले दिल्ली के कनॉट प्लेस और मयूर विहार जैसे कई भीड़भाड़ वाले इलाकों में देखी गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आत्मघाती हमलावर उमर नबी शक से बचने के लिए धमाके से कुछ घंटे पहले कार को चांदनी चौक की सुनहरी मस्जिद पार्किंग में खड़ा कर गया था। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, यह कार 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुई और करीब 6:48 बजे बाहर निकली।
एजेंसियों को यह भी पता चला है कि यह कार 29 अक्टूबर से 10 नवंबर तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में खड़ी थी। वहीं पर एक स्विफ्ट डिजायर कार भी पार्क थी, जो फरीदाबाद से 2900 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार हुए डॉ. मुजम्मिल शकील के नाम पर रजिस्टर्ड है। अभी तक जांच में यह पता चला है कि धमाके में इस्तेमाल की गई कार फिलहाल डॉ. शाहीन सईद की थी। पुलिस को शाहीन के ठिकाने से असॉल्ट राइफल्स और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुए हैं। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस नेटवर्क का संचालन आतंकी फंडिंग चैनल के जरिए विदेश से किया जा रहा था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने और उमर नबी ने लाल किले में विस्फोट से पहले इलाके की रेकी की थी। सूत्रों के अनुसार, मुज़म्मिल से पूछताछ के दौरान उसके फोन डेटा डंप से मिली जानकारी के आधार पर उसका सामना कराया गया। पूछताछ में डॉ. मुजम्मिल ने खुलासा किया कि अगले साल 26 जनवरी को हमले की योजना थी और उसी के तहत लाल किले के आसपास का जायज़ा लिया गया था। उसने यह भी बताया कि इस दिवाली पर भीड़-भाड़ वाली जगह पर हमला करने की योजना थी, लेकिन उसे अंजाम नहीं दिया जा सका।
फॉरेंसिक टीमों को घटनास्थल से मिले सैंपल्स में अमोनियम नाइट्रेट के साथ हाई-ग्रेड मिलिट्री एक्सप्लोसिव के अंश मिले हैं। धमाका सोमवार शाम 6:52 बजे लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था, जिससे आसपास खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। सूत्रों का कहना है कि उमर नबी अपने साथियों डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. आदिल रज़ा की गिरफ्तारी के बाद बेहद घबरा गया था। जांच में यह सामने आया है कि उसने पुलिस की कार्रवाई से डरकर कार में रखा बम समय से पहले डिटोनेट कर दिया, जिसके चलते पूरा विस्फोट नहीं हो सका।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आईईडी को गलत तरीके से असेंबल किया गया था। ब्लास्ट साइट पर कोई गहरा गड्ढा (क्रेटर) नहीं मिला और न ही मेटल प्रोजेक्टाइल्स के निशान, जिससे विशेषज्ञ मान रहे हैं कि धमाका आंशिक रूप से हुआ। इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, यह पूरा मॉड्यूल विदेश में बैठे एक हैंडलर के इशारों पर काम कर रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस मॉड्यूल के विदेशी नेटवर्क, डिजिटल ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन कम्युनिकेशन चैनलों की पड़ताल कर रही हैं।
Updated on:
12 Nov 2025 11:10 am
Published on:
12 Nov 2025 10:52 am
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
