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NCR के लिए बड़ी खबर, उत्तर भारत की सबसे ऊंची इमारत में दुकानें-फ्लैट मिलने का रास्ता साफ

नोएडा की सुपरनोवा परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है, जिससे लंबे समय से अटका पड़ा निर्माण कार्य अब दोबारा शुरू होने वाला है। इस प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए कमेटी बनाई गई है।

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नोएडा के चर्चित सुपरनोवा प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नई कमेटी का किया गठन

नोएडा की बहुचर्चित सुपरनोवा परियोजना को लेकर एनसीआर के लोगों के लिए बड़ी राहत सामने आई है। उत्तर भारत की सबसे ऊंची बिल्डिंग वाली इस परियोजना में अब दुकानों और फ्लैटों के मिलने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। लंबे समय से अटका पड़ा निर्माण कार्य अब दोबारा शुरू होने की उम्मीद जगी है। अधूरे काम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अब इस परियोजना में किसी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तय किए गए समय में पूरा करना ही उद्देश्य रहने वाला है। इस मामले की सुनवाई CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने की। कोर्ट का यह फैसला उन परिवारों के लिए उम्मीद बना है, जो सालों से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे थे।

नई कमेटी का गठन

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरनोवा परियोजना का अधूरा काम पूरा कराने के लिए कमेटी का गठन किया, जिसमें तीन सदस्य होंगे। इस तीन सदस्य वाली कमेटी की अगुवाई जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और एनसीएलटी अध्यक्ष जस्टिस एम.एम. कुमार करेंगे। इस कमेटी में उनके साथ सिविल इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के स्पेशलिस्ट डॉ. अनूप कुमार मित्तल और वित्तीय प्रबंधन क्षेत्र के स्पेशलिस्ट राजीव मेहरोत्रा को सदस्य बनाया गया है। अदालत ने कहा कि अब यह कमेटी तुरंत काम संभालेगी और इस प्रोजेक्ट से जुड़े हर फैसले यह कमेटी ही लेगी। कोर्ट ने यह फैसला अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिया है। साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले को देखते हुए ऐसा करना जरूरी था। साथ ही कोर्ट ने कमेटी को आदेश दिया कि इस मामले में खरीदारों के हितों को भी ध्यान में रखते हुए बड़े ही संतुलन के साथ निर्णय लेने हैं।

फ्लैट और दुकानों की रजिस्ट्री को लेकर बढ़ी उम्मीद

सुपरनोवा परियोजना में कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने सालों पहले भुगतान कर दिया, लेकिन अभी तक उन्हें रजिस्ट्री नहीं मिल सकी। अब सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को आदेश दिया कि इस प्रोजेक्ट के लिए बिना कोई बकाया मांगे अधिभोग प्रमाणपत्र जारी करें और फ्लैट व दुकानों की रजिस्ट्री की प्रोसेस पूरी करें। कोर्ट के इस फैसले के बाद यह उम्मीद जगी है कि फ्लैट और दुकानों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नए बिल्डर को चुना जाएगा। यह चयन पूरी जांच-पड़ताल के बाद होगा, जिसमें बिल्डर का अनुभव, ट्रैक रिकॉर्ड और आर्थिक स्थिति देखी जाएगी।

अब जानिए सुपरनोवा प्रोजेक्ट के बारे में

सुपरटेक सुपरनोवा नोएडा (सेक्टर 94) का एक बहुत ज्यादा चर्चित और बड़ा प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के 5 टावरों में विभाजित किया गया था। इस प्रोजेक्ट का मेन आकर्षण स्पाइरा टावर है, जो 300 मीटर ऊंचा है और इसमें 80 मंजिल बनने का प्लान था। लेकिन उसमें अभी तक 68 से 70 मंजिलें ही बनी हैं। वहीं इस प्रोजेक्ट में 1200 फ्लैट का प्लान था और इसका काम चार फेज में पूरा होना था। लेकिन अभी तक पहले और दूसरे फेज भी पूरे नहीं हुए हैं। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के गठन का फैसला सुनाया, खरीदारों ने खुशी जाहिर की है। एओए अध्यक्ष पल्लवी कौशिक ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला है। वहीं सलाहकार नरेश नंदवानी का मानना है कि अब बचे हुए 40-50 प्रतिशत काम में तेजी आएगी और लोगों का घर पाने का सपना जल्द पूरा होगा।


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