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चीन में प्‍यार, भारत में शादी और रूसी दूतावास की एंट्री…बेटे संग फरार महिला के मामले में पुलिस का नया दावा

Delhi Police: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेटे समेत फरार रूसी महिला के मामले में पुलिस ने बड़ा दावा किया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि रूसी दूतावास के दो अधिकारियों ने महिला की भागने में मदद की है। हालांकि रूसी दूतावास ने इस दावे को खारिज किया है।

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Russian woman absconding with son from India Delhi Police investigation

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेटे संग फरार महिला के मामले में दिल्ली पुलिस का नया दावा।

Delhi Police: रूसी पत्नी और इंडियन पति के बीच बेटे की कस्टडी को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद महिला बेटे सहित फरार हो गई। दिल्ली पुलिस ने अब इस मामले में रूसी दूतावास के शामिल होने पर बड़ा दावा किया है। इसके साथ ही पुलिस ने विदेश मंत्रालय से रूसी दूतावास के दो अधिकारियों को कस्टडी में पूछताछ करने की परमिशन मांगी है। दिल्ली पुलिस के इस दावे से रूस तक अधिकारियों में खलबली मची है। हालांकि रूसी दूतावास ने दिल्ली पुलिस के दावे का खंडन करते हुए कहा है कि सारे आरोप निराधार हैं।

पहले जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, रूसी मूल की विक्टोरिया बसु ने इंडियन युवक से शादी की थी। दोनों का बेटा भी है। संतान होने के बाद पति-पत्नी के बीच मतभेद हो गए। इसके बाद दोनों स्वैच्छिक रूप से अलग हो गए, लेकिन बच्चे की कस्टडी को लेकर पेच फंस गया। रूसी महिला विक्टोरिया बसु ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया था कि बच्चा तीन दिन अपनी मां के पास रहेगा, जबकि तीन दिन पिता के साथ समय बिताएगा, लेकिन जुलाई में अचानक विक्टोरिया बसु बच्चे समेत गायब हो गईं। इस मामले की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि विक्टोरिया दिल्ली से बिहार होते हुए नेपाल बॉर्डर पहुंची और नेपाल से फ्लाइट लेकर रूस चली गईं।

अब जानिए दिल्ली पुलिस ने क्या दावा किया?

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर रूसी दूतावास के दो अधिकारियों पर महिला को बेटे समेत रूस भगाने में मदद करने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि रूसी दूतावास में तैनात दो अधिकारी अल्बर्ट श्टोडा और आर्थर जेरबस्ट ने विक्टोरिया को दिल्ली से भागने में मदद की। उन्होंने विक्टोरिया को दिल्ली से बिहार के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए गाड़ी की व्यवस्‍था की। इसके बाद विक्टोरिया अपने बेटे को लेकर नेपाल से फ्लाइट लेकर रूस चली गई। हालांकि रूसी दूतावास के दोनों अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया है।

HT के अनुसार, रूसी दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि आर्थर जेरबस्ट ने बस विक्टोरिया के लिए एक निजी टैक्सी बुक की थी। इसी टैक्सी में विक्टोरिया ‌बिहार गई। यह टैक्सी विक्टोरिया की मां ओल्गा के निवेदन पर बुक की गई थी। इस दौरान उन्होंने सिर्फ विक्टोरिया के बिहार जाने की बात कही थी, जबकि और कोई बातें नहीं बताई गईं। रूसी दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि विक्टोरिया को नेपाल बॉर्डर पहुंचाने में दूतावास की ओर से कोई मदद नहीं की गई। इसके अलावा दूतावास की गाड़ी का भी उपयोग नहीं हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने पक्के सबूतों का किया दावा

दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने विदेश मंत्रालय को भेजे पत्र में विक्टोरिया के भागने में रूसी दूतावास के संलिप्त होने का पक्का सबूत मिलने की बात कही है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास रूसी दूतावास के इन अधिकारियों के खिलाफ पूरे सबूत हैं। इसलिए उनसे पूछताछ के लिए कस्टडी अनिवार्य है। इसके अलावा विक्टोरिया के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने रूसी दूतावास से जरूरत पड़ने पर दोनों अधिकारियों की कूटनीतिक छूट हटाने को कहा है। ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। साथ ही रूस में भी विक्टोरिया का पता लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है।

चीन में प्यार और भारत में शादी, फिर रशियन दूतावास की एंट्री

दरअसल, रशियन महिला विक्टोरिया बसु की यह लव स्टोरी चीन में शुरू हुई थी, जब वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में तैनात सैकत बसु नाम के युवक से मिली। पहली नजर में ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। इसके बाद उन्होंने साल 2017 में भारत आकर शादी की। दोनों के एक पांच साल का बच्चा भी है। विवाद होने पर सैकत बसु ने मीडिया को बयान देते हुए बताया था कि विक्टोरिया के पिता रूस की खुफिया एजेंसी से रिटायर्ड अधिकारी हैं। इसके साथ ही सैकत ने विक्टोरिया का रूसी दूतावास के एक अधिकारी से अफेयर होने की बात भी कही थी। सैकत ने दावा किया था कि उसने विक्टोरिया को रूसी दूतावास में पीछे के गेट से छिपते-छिपाते घुसते देखा था। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है, ये विक्टोरिया के सामने आने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल रूस में भी विक्टोरिया की तलाश के लिए विदेश मंत्रालय सक्रिय हो चुका है।


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