27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Pegasus case: ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया 10 दिनों का समय

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि पेगासस जासूसी (Pegasus case) मामले की जांच अब एक कमेटी द्वारा की जाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के लिए 10 दिनों का समय दिया है।

2 min read
Google source verification
पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट

पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पेगासस विवाद (Pegasus case) मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेगासस से जासूसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। केंद्र ने कहा कि कथित जासूसी मामले की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं अटकलों, अनुमानों और मीडिया की अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं। साथ ही सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच अब एक कमेटी द्वारा की जाएगी।

केंद्र ने दाखिल किया दो पेज का हलफनामा

जानकारी के मुताबिक केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दो पेज का एफिडेविट दाखिल किया गया है। हलफनामे के मुताबिक सरकार विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएगी, जो इस पेगासस विवाद की जांच करेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चयन समितियों की सिफारिशों के बावजूद ट्रिब्यूनल में नियुक्ति करने के लिए केंद्र को 10 दिनों का समय दिया है।

जांच के लिए सरकार बनाएगी समिति

केंद्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाए गए गलत विमर्श को खारिज करने के लिए वह विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी। उच्चतम न्यायालय ने जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, केंद्र ने कहा कि छिपाने को कुछ नहीं है और विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: पेगासस जासूसी मामले पर बोले अशोक गहलोत, सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान ले

इससे पहले 10 अगस्त को मामले पर सुनवाई हुई थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर 'समानांतर कार्यवाही और बहस' पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।

पेगासस मामले पर संसद में हंगामा

गौरतलब है कि इस बार संसद के मानसून सत्र में पेगासस जासूसी मसले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान संसद में कुछ अहम बिल पास तो हुए लेकिन विपक्ष के हंगामें के चलते किसी पर भी चर्चा नहीं हो सकी। दरअसल, विपक्षी नेता संसद में सबसे पहले पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे।