
गाजियाबाद में बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी मां।
Son Death Mother Shock: दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में इंदिरापुरम की सड़कों पर पिछले तीन दिनों से भटक रही एक मां का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। कुछ ही समय पहले अपने बेटे को खो देने के गहरे सदमे ने उसकी दुनिया बिल्कुल बदल दी थी। बेटे की मौत के बाद अपना होश हवास खो चुकी यह महिला 12 नवंबर को अचानक घर से निकल गई और तब से न जाने कितनी सड़कों पर अकेली भटकती रही।
इस दौरान राहगीरों ने उसे अनगिनत गाड़ियों के बीच खतरनाक तरीके से चलते देखा तो डायल 112 पर फोन किया। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव के मुताबिक, सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। महिला के चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा था, लेकिन वह बोल नहीं पा रही थी। थाने लाकर महिला पुलिसकर्मियों ने उससे बात करने की कोशिश की। इस दौरान वह सिर्फ अपना नाम बता सकी, बाकी सब कुछ इशारों से बताना चाहती थी।
काफी देर तक पुलिस ने उससे बातचीत का प्रयास किया, लेकिन जब वह नहीं बोली तो पुलिस ने उसके इशारों को सुराग मानकर जांच शुरू की। इस दौरान पहले पुलिस महिला को लेकर दिल्ली के गाजीपुर पहुंची, लेकिन वहां कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद पुलिस टीम महिला को लेकर लौट रही थी, तभी कौशांबी की दिशा में वह बार-बार इशारे करने लगी। इसपर पुलिस टीम उसे भोपुरा ले गई। जहां उसका परिवार उसे मिल गया।
एसीपी ने बताया कि महिला के परिजनों ने बताया कि तीन दिन पहले उसके बेटे की मौत हो गई थी। महिला ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और अपना दिमागी संतुलन खो बैठी। बच्चे की मौत के करीब तीन से चार घंटे तक वह घर पर रही। उस दौरान भी सिर्फ अपने बेटे का नाम पुकारती रही। इसके बाद वह अचानक गायब हो गई। इसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
एसीपी ने बताया कि इंदिरापुरम की सड़कों पर भटक रही महिला को लेकर सात घंटे तक पुलिस टीम घूमती रही। इसके बाद उसके परिवार का पता चल सका। परिजनों ने पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता के लिए आभार व्यक्त किया। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सिर्फ एक लापता महिला को उसके परिजनों ने नहीं मिलाया, बल्कि एक ऐसे परिवार की टूटती उम्मीदों को वापस लौटाया, जो अपने सबसे कठिन समय में जी रहा था।
Published on:
14 Nov 2025 02:33 pm
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