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स्टीव जॉब्स की पत्नी करेंगी कल्पवास, सनातन धर्म समझेंगी

महाकुंभ की महिमा : लॉरेन पॉवेल 13 को पहुंचेंगी प्रयागराज, होंगी कथा की यजमान स्टीव

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प्रयागराज. प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में साधु-संतों और श्रद्धालुओं के साथ कई अरबपति महिलाएं भाग लेंगी। इनमें एपल के सह-संस्थापक (दिवंगत) स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति और जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल शामिल हैं। भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी महाकुंभ में पहुंचेंगी।स्टीव जॉब्स के निधन के बाद विरासत में मिली 25 अरब डॉलर की संपत्ति की मालिक लॉरेन पॉवेल 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेंगी। वह पौष पूर्णिमा पर प्रथम डुबकी के साथ संगम की रेती पर ‘कल्पवास’ भी करेंगी। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। वह शिविर में 19 जनवरी से शुरू होने वाली कथा की पहली यजमान होंगी। लॉरेन पॉवेल 29 जनवरी तक शिविर में सनातन धर्म को समझेंगी। अमरीका में जो बाइडेन और कमला हैरिस के राजनीतिक-सामाजिक अभियानों में हिस्सा ले चुकीं लॉरेन धार्मिक प्रवचन में भी भाग लेंगी।

सुधामूर्ति-हेमा मालिनी भी लगाएंगी डुबकी

सुधामूर्ति भी महाकुंभ में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर डुबकी लगाएंगी। उनके लिए उल्टा किला के पास कॉटेज तैयार किया जा रहा है। सावित्री देवी जिंदल के लिए स्वामी अवधेशानंद और चिदानंद मुनि के शिविरों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। हेमा मालिनी जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिविर में प्रवास करेंगी। वह भी संगम में डुबकी लगाएंगी।

विशेष साधना में कई नियमों का पालन

महाकुंभ में कल्पवास 30 दिन की विशेष साधना है। मान्यता है कि इससे अंत:करण और शरीर का कायाकल्प होता है। कल्पवास करने वालों को कई नियमों का पालन करना होता है। इनमें सत्य वचन, अहिंसा, इंद्रियों पर नियंत्रण, प्राणियों पर दयाभाव, ब्रह्मचर्य, व्यसनों का त्याग, ब्रह्म मुहूर्त में जागना, नित्य तीन बार पवित्र नदी में स्नान, साधु-संतों की सेवा, जप-संकीर्तन और एक समय भोजन शामिल है।