
तालिबान ने अफगानिस्तान में खत्म किया मानवाधिकार आयोग, कहा- 'गैर-जरूरी संस्थाओं के लिए फंड नहीं'
अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों ने देश के मानवाधिकार आयोग सहित पूर्व अमेरिकी समर्थित सरकार के पांच प्रमुख विभागों को वित्तीय संकट की स्थिति में गैर जरूरी मानते हुए भंग कर दिया। अमेरिका समर्थित पूर्व अफगानी सरकार में ये पांचों विभाग अपने क्षेत्राधिकार से जुड़े मामलों का संचालन करते थे। पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद तालिबान ने शनिवार को अपने पहले वार्षिक राष्ट्रीय बजट की घोषणा की थी।
तालिबान ने वित्तीय संकट की स्थिति के कारण इन विभागों को भंग कर दिया है। तालिबान अधिकारियों ने शनिवार को बजट की घोषणा करते हुए बताया कि अफगानिस्तान को इस वित्तीय वर्ष 501 मिलियन डॉलर करीब 38 अरब रुपए के बजट घाटे का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान सरकार का कहना है कि उसके पास फंड की कमी है। ऐसे में इन विभागों का संचालन कर पाना आसान नहीं होगा।
तालिबान ने मानवाधिकार आयोग जैसे विभाग को भी गैर-जरूरी करार दिया है। तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता इन्नामुल्लाह समांगानी ने कहा, "क्योंकि ये विभाग आवश्यक नहीं हैं और बजट में शामिल नहीं किया गया था, इसलिए इन्हें भंग कर दिया गया है।" इसके अलावा तालिबान ने राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद (HCNR), राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और अफगानिस्तान के संविधान के कार्यान्वयन की देखरेख से जुड़े आयोग को भी खत्म कर दिया।
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HCNR का नेतृत्व पूर्व अफगान राष्ट्रपति अब्दुल्ला अब्दुल्ला करते थे। यह संगठन पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की अमेरिका समर्थित सरकार और तत्कालीन विद्रोही तालिबान के बीच शांति वार्ता के लिए काम कर रहा था। 2021 में 20 सालों के बाद अमेरिकी फौज अफगानिस्तान से निकल गई, जिसके बाद देश पर अगस्त में तालिबान ने कब्जा कर लिया। फगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद तालिबान सरकार ने पहली बार बजट पेश किया है और उसने कई संस्थाओं के लिए फंडिंग में कटौती कर दी है।
उप प्रवक्ता इन्नामुल्लाह समांगानी ने कहा कि राष्ट्रीय बजट "वस्तुनिष्ठ तथ्यों पर आधारित" था और केवल उन विभागों के लिए अभिप्रेत था जो सक्रिय और उत्पादक थे। तालिबान का कहना है कि हमने जरूरी उद्देश्यों को हासिल करने के लिए बजट को पेश किया है। हालांकि तालिबान ने कहा कि यदि आने वाले वक्त में इन विभागों की जरूरत पड़ती है तो इन्हें फिर से शुरू किया जा सकता है।
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Published on:
17 May 2022 05:12 pm
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