
दिल्ली में अंगद हत्याकांड का खुलासा।
Delhi Murder Case: दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में हुए अंगद हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुआ पेपर कटर, मृतक का मोबाइल फोन और आरोपियों के खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। जांच में सामने आया है कि यह हत्या बदले की नीयत से की गई थी। मृतक पर एक आरोपी की बेटी को ब्लैकमेल करने और निजी वीडियो दिखाकर परेशान करने का आरोप था, जिसके चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया।
पश्चिमी जिले के डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने HT को बताया कि 17 नवंबर को कीर्ति नगर थाने में एक पीसीआर कॉल मिली। इस कॉल में कॉलर ने बताया कि रेलवे लाइन के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, जहां रेलवे ट्रैक के बीच झाड़ियों में खून से लथपथ एक युवक मृत अवस्था में मिला। उसकी गर्दन पर एक गहरा घाव था, जबकि उसका मोबाइल फोन और अन्य सामान गायब था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर हत्या का केस दर्ज किया और जांच शुरू की।
मृतक की पहचान 32 साल के अंगद के रूप में हुई, जो मोती नगर क्षेत्र के बसई दारापुर का निवासी था। मौके पर पुलिस को कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी जांच का सहारा लिया। इसके तहत मृतक के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिसमें पता चला कि घटना से पहले अंगद दो युवकों के साथ देखा गया था। बाद में उनकी पहचान अमर और उसके ममेरे भाई सत्येंद्र के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी सत्येंद्र को पकड़ लिया। पूछताछ में सत्येंद्र ने खुलासा किया कि हत्या की साजिश में अमर और उसके पिता हरीश चंद्र भी शामिल थे।
सत्येंद्र से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने 56 साल के हरीश चंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पूछताछ और पुलिस की जांच में सामने आया कि मृतक अंगद का अमर की बहन से पहले प्रेम प्रसंग चल रहा था। बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई। इसके बाद अंगद उस लड़की को काफी समय से परेशान कर रहा था। वह लड़की को आपत्तिजनक भाषा वाले मैसेज भेजता था और उसके निजी वीडियो लीक करने की धमकी देता था। कई बार रोकने और समझाने के बाद भी वह अपनी हरकत से बाज नहीं आया। इसी कथित उत्पीड़न और ब्लैकमेल से परेशान होकर आरोपियों ने अंगद को रास्ते से हटाने का फैसला किया।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी अमर 14 नवंबर को दिल्ली आया और उसने अपने ममेरे भाई सत्येंद्र के साथ मिलकर अंगद की हत्या की योजना बनाई। 16 नवंबर की शाम वे अंगद के कमरे तक पहुंचे, लेकिन वहां सीसीटीवी कैमरे लगे होने के कारण दोनों अपना इरादा पूरा नहीं कर सके। बाद में वे अंगद को बातचीत और शराब पीने के बहाने कीर्ति नगर रेलवे लाइन पर ले गए। शराब पिलाने के बाद दोनों ने पेपर कटर चाकू से उसकी गर्दन काटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के समय अमर का पिता हरीश चंद्र लगातार फोन पर उनसे संपर्क में था और उनके कदमों पर नजर रखे हुए था।
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी दिल्ली से फरार हो गए। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाए और आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने में तकनीकी सर्विलांस की मदद ली। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पेपर कटर चाकू, मृतक का मोबाइल फोन और सत्येंद्र के खून से सने कपड़े बरामद कर लिए हैं। फिलहाल पुलिस ने 56 साल के हरीश चंद्र और 39 साल के सत्येंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आपस में मामा-भांजा बताए जाते हैं। तीसरा आरोपी अमर अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Published on:
21 Nov 2025 12:49 pm
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