
चाईबासा में 10 खूंखार नक्सलियों ने पुलिस के सामने डाले हथियार। (फोटो- IANS)
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान को गुरुवार को एक बड़ी सफलता मिली है। पश्चिमी सिंहभूम जिले में भाकपा (माओवादी) के 10 खूंखार नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं।
उन्होंने चाईबासा में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। इस समूह में छह पुरुष और चार महिलाएं शामिल थीं।
यह सभी वरिष्ठ माओवादी नेताओं मिसिर बेसरा उर्फ सागर और पतिराम मांझी उर्फ अनल के दस्तों से जुड़े थे। दोनों पर एक-एक करोड़ रुपये का इनाम था।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की पहचान रांडो बोरदपाई, गार्दी कोड़ा, जोहान पूर्ति, निरसो सिदु, घोनोर देवगम, गौमेया कोड़ा, केरा कोड़ा, कारी कायम, सावित्री गोप और प्रदीप सिंह के रूप में हुई है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड की आत्मसमर्पण नीति देश की सर्वश्रेष्ठ नीतियों में से एक है।
उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें नई जिंदगी का अवसर मिलेगा, लेकिन जो हथियार उठाए रखेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस के पास नक्सलियों की गतिविधियों का पूरा डेटा है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में सीआरपीएफ के आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माइकल एस। राज, आईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे, डीआईजी कोल्हान अनुरंजन किसफोट्टा और चाईबासा एसपी अमित रेणु सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
इससे पहले एक सितंबर को लातेहार जिले में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नौ उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण करने वालों में चार ऐसे उग्रवादी शामिल थे, जिन पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था।
एक पर तीन लाख रुपये का इनाम था, जबकि चार अन्य कई नक्सली वारदातों में वांटेड थे। उस मौके पर उग्रवादियों ने पांच एके-47 राइफल सहित बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस पुलिस को सौंपे थे।
अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2026 तक झारखंड को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने के लिए अभियान तेज किया गया है। इस वर्ष अब तक 31 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।
Published on:
25 Sept 2025 02:32 pm
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