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फर्जी IRCTC कार्यालय बनाकर नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगे 1 करोड़ रुपये, ऐसे हुआ मामला का खुलासा

Fake IRCTC job fraud: आरोपियों ने आईआरसीटीसी के नाम पर एक फर्जी ऑफिस भी बनाया हुआ था। इस ऑफिस में रेलवे में नौकरी चाहने वाले बेरोजगार युवकों को ठगते थे।

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रांची

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Ashib Khan

Dec 06, 2025

नौकरी के नाम पर लोगों से की ठगी

नौकरी के नाम पर लोगों से की ठगी (Photo-AI)

jharkhand job scam: झारखंड में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से 1 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने करीब 150 युवकों को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि यह घटना गोड्डा जिले की है।

व्यक्ति को किया गिरफ्तार

आरोपियों ने जिले में आईआरसीटीसी के नाम पर एक फर्जी ऑफिस भी बनाया हुआ था। इस ऑफिस में रेलवे में नौकरी चाहने वाले बेरोजगार युवकों को ठगते थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रूपियामा इलाके में छापेमारी की और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

बता दें कि व्यक्ति महेशपुर का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि गैंग के कुछ सदस्य दुमका जिले के रहने वाले हैं। 

आरोपी ने अपराध किया कबूल

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया है। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस संबंध में गोड्डा टाउन पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

आरोपी के पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए

छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से IRCTC के नाम से फर्जी चेक लिस्ट, की-पैड मोबाइल, फर्जी एग्रीमेंट और कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी व्यक्ति ऑफिस में आने वाले युवाओं को विश्वास दिलाता था कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें रेलवे में नौकरी मिल जाएगी। 

पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार

बता दें कि हाल के दिनों में नौकरी घोटाले की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। ऐसा ही एक मामला पंचकूला से भी सामने आया है। दरअसल, यहां पर पुलिस की एंटी-इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने शुक्रवार को लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर चल रहे एक अंतरराज्यीय फर्जी वर्क वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

क्या है पूरा मामला

आरोपियों ने मार्च और अप्रैल में फर्जी उड़ान की तारीखें बताईं, लेकिन कोई भी उड़ान कन्फर्म नहीं हुई। इसके बाद, अन्य एजेंट अपने ग्राहकों के साथ ऑफिस पहुंचे और उन पर दबाव डाला, जिससे उन्हें दो ग्राहकों को 8 लाख रुपये चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जबकि पैसे एक व्यक्ति को दिए जा चुके थे। जब शिकायतकर्ता ने व्यक्ति से पैसे वापस लेने की कोशिश की, तो वह छिप गया।