scriptऐसा कस्बा जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय  | Patrika News
समाचार

ऐसा कस्बा जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय 

उपखंड मुख्यालय समेत क्षेत्र में पशु चिकित्सकों समेत चिकित्साकर्मियों का टोटा

जालोरJun 03, 2024 / 07:02 pm

Manish kumar Panwar

ऐसा कस्बा जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय

आहोर में स्थित प्रथम श्रेणी राजकीय पशु चिकित्सालय। पत्रिका

आहोर(जालोर). राज्य सरकार एवं पशुपालन विभाग की अनदेखी व उदासीनता के चलते उपखंड मुख्यालय समेत क्षेत्र में स्थित पशु चिकित्सालयों में पिछले लंबे समय से चिकित्सकों समेत चिकित्साकर्मियों का टोटा पड़ा हुआ है। जबकि आहोर उपखंड मुख्यालय पर प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय है। यहां एक वरिष्ठ चिकित्सक, चार कंपाउंडर तथा तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान में यहां चिकित्सक व सभी कंपाउंडरों के पद रिक्त पड़े है। ऐसे में उपखंड मुख्यालय का यह प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय वर्तमान में केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा है। यहां प्रतिदिन शहर समेत क्षेत्र के विभिन्न गांवों के पशुपालक अपने बीमार पशुओं का इलाज करवाने के लिए आते है, लेकिन चिकित्सक व कंपाउंडर नहीं होने से उनके बीमार पशुओं का उपचार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पशुपालक बेहद परेशान है।

कुल 11 पशु चिकित्सालय सेवाएं दे रहे केवल 6 चिकित्सक

क्षेत्र में 11 पशु चिकित्सालयों में आहोर, भाद्राजून, भोरड़ा व चांदराई में बड़े अस्पताल स्थित है। यहां पर वरिष्ठ पशु चिकित्सक के पद स्वीकृत है लेकिन वर्तमान में केवल भाद्राजून को छोडकऱ सभी जगह वरिष्ठ पशु चिकित्सक के पद भी रिक्त पड़े है। इसके अलावा क्षेत्र में हरजी, गुड़ा बालोतान, सेदरिया बालोतान, भूती, रामा, नोसरा व भंवरानी में पशु चिकित्सालय स्थित है। जिसमें से भूती व भंवरानी में चिकित्सक के पद रिक्त पड़े है। हरजी में कार्यरत चिकित्सक को आहोर नोडल प्रभारी का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है।

ब्लॉक में कुल 20 उप केन्द्र में सात पर कंपांडर नहीं

ब्लॉक में कुल 20 उप केन्द्र स्थित है। जिनमें 13 उप केन्द्र पर कंपाउंडर कार्यरत है जबकि चरली, भैंसवाड़ा, थांवला, निम्बला, रायथल, चवरछा व पलासिया में कंपांउडर के पद रिक्त है।

पिछले तीन माह से क्षेत्र में बंद पड़ी मोबाइल यूनिट वैन

केन्द्र सरकार की योजना के तहत घरों तक पशुपालकों को पशुओं के उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर गत महीनों शुरू की गई मोबाइल यूनिट वैन की सुविधा मात्र एक माह तक संचालित होने के बाद पिछले ेकरीब तीन माह से ब्लॉक में बंद पड़ी है। गौरतलब है कि इस योजना के तहत ब्लॉक में तीन मोबाइल यूनिट वैन संचालित हो रही थी। पिछले तीन माह से चिकित्सकों के अभाव में सभी वैन बंद पड़ी है।

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा फायदा

राज्य सरकार की ओर से पशुधन के संरक्षण को लेकर निशुल्क दवा समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं तो संचालित की जा रही है लेकिन क्षेत्र में पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों समेत स्टाफ की कमी के कारण इनका फायदा पशुपालकों को नसीब नहीं हो पा रहा है। चिकित्सकों समेत कार्मिकों के अभाव में पशुपालकों को बीमार पशुओं के उपचार के लिए निजी खर्चे पर अन्य स्थानों से चिकित्साकर्मियों को बुलाना पड़ता है वहीं बीमार पशुओं को उपचार के लिए इधर-उधर लेकर जाना पड़ता है। ऐसे में उन्हे आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ रहा है।

चिकित्सक समेत कार्मिकों का टोटा

उपखंड मुख्यालय पर स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में वरिष्ठ पशु चिकित्सक समेत कंपाउंडरों के पद वर्तमान में रिक्त पड़े है। वहीं ब्लॉक में कुल 11 पशु चिकित्सालय स्थित है। जबकि मात्र छह चिकित्सालय में ही चिकित्सक कार्यरत है। शेष चिकित्सालयों में चिकित्सक के पद रिक्त पड़े है। डॉ.जे.पी. शर्मा, नोडल प्रभारी, आहोर

Hindi News/ News Bulletin / ऐसा कस्बा जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय 

ट्रेंडिंग वीडियो