भीलवाड़ा। नगर विकास न्यास ने करोड़ों खर्च कर गांवों को शहर से जोड़ने के लिए जोधड़ास में कोठारी नदी पर हाइलेवल ब्रिज का निर्माण तो करवा दिया, लेकिन न्यास गांव की तरफ जाने के लिए अप्रोच रोड बनाना भूल गया। इसके चलते करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद इस पुलिया का उपयोग नहीं हो पा रहा है। गलती से वाहन चालक इस पुलिया पर चढ़ भी गया तो उसे गांव जाने का रास्ता ही नहीं दिखता है। दूसरी तरफ भूमि अवाप्ति की फाइल जयपुर में ही धूल फांक रही है।
भीलवाड़ा शहर के आरजिया व पालड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र से जुड़े एक दर्जन गांवों की आवाजाही शहर में सहज करने एवं अजमेर मार्ग से जोड़ने के लिए नगर विकास न्यास ने 19 सितम्बर 2013 को जोधडास चौराहे पर हाइलेवल ब्रिज की नींव रखी थी। वर्ष 2019 में बजट दिया तो काम शुरू हुआ।
गोविंदपुरा व अन्य गांवों की तरफ कैसे जाएं
तीन साल में 34 करोड़ की लागत से 250 मीटर लंबा हाइलेवल ब्रिज बनकर तैयार हुआ। लाखों खर्च कर विद्युत पोल भी लगा दिए। न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष एवं अधिकारियों ने गोविन्दपुरा से जोड़ने वाले ब्रिज से 500 फीट एप्रोच रोड के लिए खातेदारों की भूमि की अवाप्ति की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की। इसके चलते जोधड़ास चौराहा से पुलिया पर जाने की राह तो खुल गई, लेकिन पुलिया से नीचे उतर कर कोठारी नदी के उस पार गोविंदपुरा व अन्य गांवों की तरफ जाने का अप्रोच रोड नहीं बन सकी।
नीचे उतरने का नहीं रास्ता
अभी मौजूदा हाल यह है कि वाहन चालक जोधड़ास चौराहा से पुलिया पर चढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें गोविंदपुरा की तरफ नीेचे उतरने का रास्ता ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें वापस मुड़ना पड़ रहा है।
कच्चे रास्ते पर दौड़ रहे वाहन
गोविंदपुरा की तरफ के ग्रामीण जरूर वाहनों को कच्चे रास्ते एवं खेतों के बीच से दौड़ा कर निकाल रहे हैं। बजरी के ट्रैक्टर भी इसी कच्चे रास्ते से निकल रहे हैं।
सरकार को भेजा प्रस्ताव
जोधडास हाइलेवल ब्रिज को अप्रोच रोड से जोड़ने के लिए न्यास ने प्रक्रिया को गति दी है। इसके लिए गोविंदपुरा में खातेदारी की जमीन को अवाप्त करने की पत्रावली तैयार कर नए सिरे से जयपुर भिजवाई है।
ललित गोयल, सचिव, नगर विकास न्यास