लड़कियों को लेकर छोटी सोच
रिंग में द साइक्लोन के नाम से मशहूर पूजा ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से आती हूं, जहां हमेशा लड़कों को ही ज्यादा सपोर्ट किया जाता था। लड़कियों को लेकर वहां के लोगों की सोच बेहद छोटी थी। मैं थोड़े बगावती तेवर वाली थी तो मेरे दिमाग में हमेशा यही चलता था कि मुझे इसे बदलना है।
जैकी चेन की फिल्में देखकर करती थी स्टंट
पूजा ने कहा, मैं बचपन में टीवी पर जैकी चेन की फिल्में देखती थी और उनसे स्टंट सीखती थी और सोचती थी कि ये सीखकर मैं लड़कों को मारूंगी। मैं दिखाना चाहती थी कि लड़कियां भी किसी से कम नहीं है। मैं वुशू खेलती थी जो मार्शल आर्ट से काफी मिलता है। इसके बाद मैंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट (MMA) को चुना और इसमें वुशू से काफी मदद मिली। मुझे यहां तक पहुंचाने में मेरी मां और बहनों का खासा योगदान रहा। गौरतलब है कि पूजा ने पिछले वर्ष जून में अपनी पहली यूएफसी बाउट जीती थी।
चाचा ने साई सेंटर में कराया दाखिला
पूजा के चाचा ने उनका दाखिला भोपाल के साई सेंटर में कराया था। सालों की ट्रेनिंग के बाद पूजा ने एमएमए को चुना। पूजा ने जब एमएमए की शुरुआत की थी तो उनके पास किसी तरह का कोई अनुबंध नहीं था। पैसे का सोर्स नहीं, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। जो थोड़े-बहुत पैसे मिलते थे उसे वह अपनी ट्रेनिंग पर खर्च करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे पूजा को पहचान मिलती गई और प्रायोजक मिलने लगे। पूजा ने जब यूएफसी की पहली बाउट जीती तो उनके लिए एक सपने का पूरा होने जैसा था।