
चेन्नई. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 1975 से 1977 तक लागू आपातकाल का ‘राग’ अलापने पर भारतीय जनता पार्टी की सोमवार को आलोचना की। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की केंद्र सरकार क्या शिक्षा के विषय को राज्य सूची में लाने को तैयार है जो आपातकाल के दौरान किए गए संविधान संशोधन के तहत समवर्ती सूची में डाल दिया गया था। स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संसद में आपातकाल का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा, हम केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं क्या कि वह तत्काल शिक्षा के विषय को (संविधान में)राज्य की सूची में डालने को तैयार है जिसे आपातकाल के दौरान समवर्ती सूची में लाया गया था।
क्या वे यह सकारात्मक पहल करेंगे? स्टालिन सरकारी प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को नाश्ता देने की योजना का विस्तार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में करने की शुरुआत के वास्ते तिरुवल्लूर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, जहां तक हमारा रुख है तो नीट और नई शिक्षा नीति (एनईपी) अनावश्यक है और हम इनका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर हम राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर विद्यालयों, महाविद्यालयों और उच्चशिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बना रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार का रुख है कि भूख हो, नीट या केंद्र की एनईपी ये तमिलनाडु के विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने के रास्ते में बाधा है।
Published on:
16 Jul 2024 08:23 pm
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