दादा-पिता निहाल अजजा वर्ग से, पुत्रों को नहीं मिल रहा प्रमाण पत्र
संपूर्ण मप्र में निहाल जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है, लेकिन खंडवा जिले में प्रशासन निहाल को अजजा वर्ग की बजाय ओबीसी में मान रहा है। मप्र गजट नोटिफिकेशन और अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल निहाल समाज के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे है। जबकि घर में दादा-पिता का जाति प्रमाण पत्र अजजा का बना हुआ है। अजजा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से कई बच्चे स्कूल जाने से भी वंचित हो रहे है।
निहाल समाज के आरएस कलमे, विपिन काजले ने बताया कि निहाल जाति कोरकू जनजाति की उपजाति में आती है, जो अजजा वर्ग से है। खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बैतुल, बुरहानपुर सहित मप्र के अन्य जिले में निहाल समाज मौजूद है। वर्ष 2005 में आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल द्वारा भी कलेक्टर खरगोन को निहाल जाति के प्रमाण पत्र को लेकर मार्गदर्शन दिया गया था। जिसमें बताया गया था कि भारत सरकार द्वारा मप्र राज्य के लिए जारी अनुसूचित जनजाति संधोधन सूची 1946 में सरल क्रमांक 27 पर कोरकू की उपजाति के रूप में निहाल, नाहुल अधिसूचित है। जो संपूर्ण मप्र के लिए अनुसूचित जनजाति के लिए मान्य है। निहाल जाति को पिछड़ा जाति के अंतर्गत दिया जा रहा प्रमाण पत्र गलत है। इन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए।
पिता का प्रमाणपत्र एसटी, बेटे को नहीं मान रहे
जिले में कई ऐसे प्रकरण है, जिसमें पुराने समय में निहाल जाति के प्रमाण प्रत्र अनुसूचित जनजाति में बने हुए है। कई परिवारों में अजजा प्रमाण पत्र होने के बाद भी प्रशासन उनके बच्चों को अजजा वर्ग का नहीं मान रहा है। छैगांवमाखन ब्लॉक के ग्राम सिर्रा निवासी संदीप पिता ताराचंद का जाति प्रमाण पत्र वर्ष 2002-03 में अजजा वर्ग का बना हुआ है। अब उनके बच्चों को ओबीसी का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।
अजजा का प्रमाण पत्र बनाकर कर दिया कैंसल
छैगांवमाखन ब्लॉक के ग्राम सहेजला निवासी मुकेश पिता प्रेमलाल गुलरिया का जाति प्रमाण पत्र 15 अप्रैल 2025 में एसडीएम खंडवा द्वारा निहाल अजजा वर्ग में जारी किया गया। इसके 17 दिन बाद एसडीएम खंडवा द्वारा 2 मई को मुकेश के अजजा वर्ग जाति प्रमाण को कैंसल कर दिया गया। इसका कारण लिखा गया कि त्रुटीवश प्रमाण पत्र जारी किया गया है, अत: प्रकरण को निरस्त किया जाता है। प्रकरण रिकार्ड दाखिल दफ्तर हो। जबकि राहुल के अन्य रिश्तेदारों का पूर्व में अजजा जाति प्रमाण पत्र बना हुआ है।
राज्य स्तरीय छानबीन समिति से जांच की मांग
निहाल जाति को अजजा वर्ग से ओबीसी किए जाने पर समाजजनों ने कलेक्टर से मांग की है कि इसकी जांच राज्य स्तरीय छानबीन समिति से कराई जाए। समाज के विपिन काजले, आरएस कलमे ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से सबसे ज्यादा परेशान विद्यार्थी वर्ग को हो रही है। विद्यार्थियों को जाति अनुसार योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस मामले में समाजजनों ने हाईकोर्ट की शरण लेने की बात भी कही।
हम मामले की जांच कराएंगे
हमारे रिकार्ड में निहाल जाति खंडवा जिले में अजजा वर्ग में नहीं है। इस मामले में हम जांच कराएंगे। राज्य स्तरीय छानबीन समिति को भी मामला भेजा जाएगा।
ऋषव गुप्ता, कलेक्टर