
भारत में दिखाई देगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, इन 8 राशियों पर पड़ेगा इसका अशुभ प्रभाव
16 जुलाई, मंगलवार के दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा है और इसी दिन चंद्रग्रहण पड़ने वाला है। यह चंद्रग्रहण भारत देश में भी दिखाई देगा। इसके साथ ही इसका असर भी सभी राशियों पर पड़ेगा। पंडित रमाकांत मिश्रा बताते हैं की यह चंद्रग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट तक रहेगा। जो की 16 जुलाई मध्या रात्रि 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 3 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगा।
ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाएगा सूतक
हिंदू मान्याताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण शुरू होने के पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसमें की पूजा पाठ, खाना और कोई भी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस चंद्र ग्रहण के पहले 16 जुलाई को दिन में लगभग 4:30 बजे से सूतक लग जाएगा। दरअसल, सूतक चंद्र ग्रहण में ग्रहण प्रारंभ होने से 9 घंटे पहले लग जाता है। पंडित जी के अनुसार गुरू पूर्णिमा के दिन गुरू पूजन व सभी कार्य सूतक काल शाम 4:30 बजे से पहले किये जाएंगे।
भारत के अलावा इन जगहों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
भारत के अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, एशिया के कुछ भागों में, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग में दिखाई देगा। चन्द्रास्त के समय ग्रहण का प्रारम्भ न्यूजीलैण्ड के कुछ भाग, ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी भाग, उत्तर तथा दक्षिण कोरिया, चीन के उत्तरी भाग तथा रूस के कुछ भाग में दिखाई देगा। चन्द्रोदय के समय ग्रहण का अन्त अर्जेन्टिना, चिली, बोलीविया, ब्राजील के पश्चिमी भाग, पेरु तथा, उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
इन 8 राशियों पर रहेगा अशुभ असर
पंडित जी के अनुसार इस ग्रहण का अशुभ असर मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इस दौरान इन्हें संभलकर रहना होगा। वहीं तुला, कर्क, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों पर इस शुभ प्रभाव दिखने को मिलेगा।
ग्रहणकाल में ना करें ये काम
1. ग्रहण काल के समय या उसके मध्य समय में भोजन ग्रहण करना, भोजन पकाना, शयन, मल-मूत्र त्याग, रतिक्रियाएं व सजने संवरने से संबन्धित कार्य नहीं करने चाहिए।
2. मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना व पिरोना आदि से बचना चाहिए, नहीं तो जन्म लेने वाले बालक में शारीरिक दोष होने की संभावना रहती है।
3. ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए तथा ग्रहण दर्शन तो भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
4. ग्रहण के सूतक के नियमों का विचार गर्भवती महिलाओं, रोगी, बालकों और वृद्धों के लिए नहीं होता है।
5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
Updated on:
08 Jul 2019 11:16 am
Published on:
08 Jul 2019 11:00 am
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