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गोल्डन ब्रिज इनवेस्टमेंट’ के जाल में फंसे डॉक्टर, झांसे में 46 लाख गंवाए, वेबसाइट पर दिखाया झूठा मुनाफा

देहरादून के एक डॉक्टर से साइबर ठगों ने "गोल्डन ब्रिज इनवेस्टमेंट" नाम की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी कर ली। वेबसाइट ने झूठे मुनाफे का लालच देकर उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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देहरादून के एक डॉक्टर से साइबर ठगों ने "गोल्डन ब्रिज इनवेस्टमेंट" नाम की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी। (फोटो सोर्स- freepik)

साइबर ठगों ने गोल्डन ब्रिज इनवेस्टमेंट के नाम से वेबसाइट बनाकर दून के व्यक्ति से 46.01 लाख रुपये ठग लिए। शिकायत पर साइबर अपराध थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

23 अप्रैल से शुरू की थी ट्रेडिंग

डॉ. रघुबीर सिंह आनंद निवासी डीएल रोड ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर दी। उन्होंने 23 अप्रैल को गोल्डन ब्रिज इनवेस्टमेंट (जीबीआई) के साथ ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू की थी। वेबसाइट पर कुछ लाइसेंस और प्रमाणपत्र डाले गए थे। उन्होंने आरबीआई से जारी लाइसेंस मांगे। जीबीआई ने इसे साझा करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद आनंद ने ट्रेडिंग में निवेश शुरू किया।

ऑनलाइन निवेश दिखाया गया लाभ

ऑनलाइन निवेश लगातार लाभ दिखाया गया। इस तरह पीड़ित रकम जमा करते रहे। 46 लाख रुपये से अधिक जमा करने के बाद 19 जून को जीबीआई की वेबसाइट को होल्ड पर डाल दिया गया। तब पीड़ित को समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हुए हैं।

मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू

साइबर थाने के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि आनंद की शिकायत पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि साइबर ठगी के मामले में जुलाई महीने में फिर तेजी से बढ़े हैं। पिछले दस दिन में साइबर थाना देहरादून में पुलिस बीस लाख रुपये से अधिक रकम ठगी का यह सातवां केस दर्ज किया गया है।