गूगल ने डूडल के जरिए डॉ. वेरा का किया सम्मान
आज Google पर कुछ सर्च करने के लिए आप गूगल पेज खोलेंगे, तो आपको एक महिला की तस्वीर नजर आएंगी। गूगल ने डॉ ग्रेड्रोइट्स की एनिमेटिड फोटो बनाकर उनका सम्मान किया है। गूगल के साथ एक एक्सरे भी देखने को मिला है, जिसके जरिए इंसानी शरीर के अंदरूनी हिस्से को देखा जा सकता है। जैसे ही आप गूगल डूडल पर क्लिक करेंगे तो आपको डॉ वेरा ग्रेड्रोइट्स से जुड़ी कई जानकारियां सामने आएंगी।
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भाई की मौत के बाद डॉक्टर बनने का किया निर्णय
गेड्रोइट्स का जन्म 19 अप्रैल, 1870 को कीव के लिथुआनियाई शाही वंश के एक परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि डॉ वेरा ग्रेड्रोइट्स के भाई सार्गेई की मौत कुछ बीमारियों की वजह से हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का निर्णय लिया। उन्होंने स्विट्जरलैंड से दवाइयों की जानकारी हासिल की। साल 1898 में वह ग्रेजुएट होकर अपने देश आ गई थी। डॉ. वेरा गेड्रोइट्स ने एक युवा चिकित्सक के तौर पर गेड्रोइट्स हाइजीन, पोषण और स्वच्छता को लेकर चिंतित थीं और स्थितियों में सुधार करने के लिए सिफारिशें कीं।
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युद्ध के दौरान बचाई कई जवानों जान
ऐसा कहा जाता है कि साल 1904 में रूस और जापान के बीच हुए युद्ध के दौरान डॉ ग्रेड्रोइट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा दी थी। उन्होंने अपनी मर्जी से रेड क्रॉस अस्पताल ट्रेन में एक सर्जन के तौर पर वॉलेंटियर किया। युद्ध के एक महीने के अंदर उन्होंने 9,255 मरीजों का इलाज किया। बताया जाता है कि दुश्मन के खतरे के बावजूद उन्होंने रेलवे कार में जटिक पेट के ऑपरेशन किए जो कि सफल भी रहे। युद्ध में वॉलेंटियर करने के बाद उन्हें रूसी शाही परिवार के लिए सर्जन में नियुक्त किया गया। वहीं, 1929 में गेड्रोइट्स ने कीव यूनिवर्सिटी में सर्जरी के प्रोफेसर के तौर पर काम किया। साल 1932 में महज 52 वर्ष की उम्र में उनकी मौत कैंसर के कारण हुई।