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Eclipes effects 2023- पहले से ज्यादा भयानक रहेंगे 2023 के चारों ग्रहण, मचेगा हा​हाकार

Eclipes 2023 Effects: साल 2023 में कब और कितने ग्रहण होंगे? भारत में कौन सा ग्रहण कब दिखेगा, जानिए सबकुछ - पिछली बार 15 दिनों के अंतराल पर दो ग्रहणों ने मचाया था हाहाकर, इस बार पड़ेंगे चार

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Deepesh Tiwari

Nov 24, 2022

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Eclipes Effects 2023 : साल 2023 आने से पहले ही कुछ अजीब से संकेत देता दिख रहा है। एक ओर जहां दो ग्रहणों का 15 दिनों के अंतर पर लगना शुभ नहीं माना जाता। वहीं साल 2023 में कुल चार ग्रहण (Eclipes) लगेंगे, लेकिन इसमें भी सबसे खास बात ये है कि ये चारों ग्रहण दो दो के ग्रुप में 15-15 दिनों के अंतर पर लगेंगे।

दरअसल पहले सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) व चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) के बीच 15 दिन का अंतर होगा, वहीं दूसरे सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण के बीच भी 15 दिन का ही अंतर रहेगा।

दरअसल ग्रहण की घटना खगोलीय और धार्मिक नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में साल साल 2022 का आगामी चंद दिनों में समापन होने वाला है। जिसके बाद नए साल 2023 की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है कि आने वाले साल में कब और कितने ग्रहण लगेंगे और वह कहां कहां दिखाई देंगे। तो चलिए जानते हैं साल 2023 में कितने ग्रहण (eclipse) लगेंगे और इनमें कितने सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) व कितने चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) होंगे।

तो यहां बता दें कि जानकारों के अनुसार साल 2023 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे। इनमें दो सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) और दो चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) होंगे, लेकिन ये चारों ग्रहण काफी परेशानियों को उत्पन्न करते दिख रहे हैं। तो चलिए अब ये जानते हैं कि ये चारों ग्रहण कब-कब और कहां-कहां दिखाई देंगे?

सूर्य ग्रहण 2023 : Solar eclipse 2023-

1. पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) : साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) 20 अप्रैल, बृहस्पतिवार यानि गुरुवार को लगेगा। यह ग्रहण एक दुर्लभ और अनोखा आंशिक सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) होगा। जो ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और दक्षिण-पूर्व एशिया मे दिखाई देगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इस कारण से इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। हिंदी पंचांग के अनुसार 20 अप्रैल 2023 को लगने वाला यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।

दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) : साल का दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) शनिवार,14 अक्टूबर को लगेगा। यह एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) बहुत ही खास माना जाता है, जिसमें रिंग ऑफ फायर का नजारा देखने को मिलता है। रिंग ऑफ फायर में सूर्य चंद्रमा के चारों ओर अंगूठी के आकार का हो जाता है। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत और अटलांटिक में दिखाई देगा। भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। ऐसे में इस ग्रहण का सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा।

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चंद्र ग्रहण 2023 : Lunar Eclipse 2023-

पहला चंद्र ग्रहण (lunar eclipse): साल का पहला चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) 05 मई 2023 को लगेगा, जो एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) होने के चलते इसका सूतक काल मान्य होगा। इस ग्रहण को खुली आंखों से नही देखा जा सकता है। यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंदू और प्रशांत महासागर और अटलांटिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर देर रात 01 बजे तक चलेगा।

दूसरा चंद्र ग्रहण (lunar eclipse): वही साल का आखिरी ग्रहण रविवार, 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) के रूप में लगेगा। भारत में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा इस कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर रात 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ग्रहण से 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. हिंदू धर्म में सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है.

यहां ये जान लें कि पहला सूर्यग्रहण (Solar eclipse) गुरुवार, 20 अप्रैल को रहेगा, वहीं इसके ठीक 15 दिन बाद यानि शुक्रवार 05 मई को पहला चंद्रग्रहण (lunar eclipse)लगेगा। वहीं यदि दूसरे सूर्य ग्रहण की बात करें तो यह शनिवार, 14 अक्टूबर को लगेगा, वहीं इसके ठीक 15 दिनों बाद रविवार, 29 अक्टूबर को दूसरा चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा।

वहीं ज्योतिष के जानकार एसके उपाध्याय का कहना है कि यह स्थिति अत्यंत खतरनाक है, लेकिन इसमें एक स्थिति कुछ आशा बना रही है। वह यह है कि चारों ग्रहणों में केवल अंतिम वाला ग्रहण यानि दूसरा चंद्रग्रहण ही हमारे देश में सूतक को उत्पन्न कर रहा है। ऐसे में हम इनके प्रभावों से काफी हद तक बचे रह सकते हैं। वहीं पहला चंद्रग्रहण (lunar eclipse) भी इन 15 दिनों में ग्रहण वाली स्थिति को उपच्छाया होने के चलते विश्व में पूर्ण नहीं कर रहा है, जो सभी के लिए आशा की किरण की तरह है।