
Even after one and a half years, filter air bags have not been installed in seven process units
वस्त्रनगरी में खुले में धुआं छोड़ने वाली औद्योगिक इकाइयों पर लगाम कसने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) ने करीब डेढ़ साल पहले सख्त आदेश जारी किए थे। आदेश में कहा गया था कि प्रदूषण फैलाने वाली सभी इकाइयां आधुनिक तकनीक के एयर बेग फिल्टर अनिवार्य रूप से लगाएं, ताकि वातावरण में फैलने वाले हानिकारक धुएं को रोका जा सके। मकसद था, औद्योगिक धुएं से कर्मचारियों और आसपास के बाशिंदों को राहत मिलना। लेकिन, समय सीमा पूरी हो जाने के बावजूद अब भी कई इकाइयां आदेश की पूरी पालना नहीं कर पाई हैं।
29 में से केवल 14 ने पूरा किया काम
आरपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय ने खुले में धुआं छोड़ने वाली 29 औद्योगिक इकाइयों को चिह्नित कर नोटिस दिए थे। इनमें से 14 इकाइयों ने एयर बेग लगा लिए। आठ इकाइयों में काम चल रहा है और जल्द पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, सात इकाइयों ने अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई और न ही स्थापना प्रक्रिया शुरू की है।
क्यों जरूरी हैं एयर बेग फिल्टर
आरपीसीबी अधिकारियों के अनुसार एयर बेग फिल्टर एयर क्लीनिंग टेक्नोलॉजी का हिस्सा हैं, जो हवा में मौजूद धूल, धुएं और हानिकारक तत्वों को इलेक्ट्रिक सरफेस की मदद से खत्म करते हैं।
बैंक गारंटी जमा, अब मिली आखिरी मोहलत
कुछ इकाइयों ने आरपीसीबी को बैंक गारंटी जमा कराकर भरोसा दिलाया है कि वे जल्द फिल्टर लगाएंगी। वहीं, शेष इकाइयों को अब एक माह की अंतिम मोहलत दी गई है। जो इकाइयां समय पर आदेश की पालना नहीं करेंगी, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- दीपक धनेटवाल, क्षेत्रीय अधिकारी आरपीसीबी
Published on:
10 Aug 2025 09:44 am
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