
उत्तराखंड के हरिद्वार के फार्मासिस्ट और मेडिकल स्टोर संचालकों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए सरकार के प्रति आभार जताया है।
स्थानीय फार्मासिस्ट अश्वनी कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "पहले कई जरूरी दवाइयों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिसके कारण उनकी कीमतें अधिक थीं। अब सरकार ने ज्यादातर दवाइयों पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है, और गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और हृदय रोग से संबंधित कुछ दवाइयों को पूरी तरह टैक्स-मुक्त कर दिया है। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह मरीजों और हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है। सरकार का यह कदम सराहनीय है।"उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से न केवल मेडिकल स्टोर संचालकों को लाभ होगा, बल्कि आम मरीजों को भी सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी।
हरिद्वार के स्थानीय निवासी और नियमित ग्राहक सुभाष चंद्र ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, "पहले दवाइयों की कीमतें इतनी अधिक थीं कि कई बार पूरा कोर्स खरीदना मुश्किल हो जाता था। अब जीएसटी में छूट के बाद दवाइयां किफायती होंगी, जिससे हम जैसे सामान्य लोगों को इलाज कराने में आसानी होगी। टैक्स में छूट से दवाइयों की लागत कम होने पर मरीजों का इलाज का खर्च भी घटेगा, जिससे ज्यादा लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह आम लोगों के लिए बहुत बड़ा उपहार है।"
सुभाष ने सरकार के इस फैसले को मरीजों के लिए वरदान बताया और कहा कि इससे गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा होगा। जीएसटी में कमी से न केवल दवाइयों की कीमतें कम होंगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ेगी।
आपको बता दें, इस महीने की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल ने मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। सरकार के इस कदम से विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा।
Published on:
25 Sept 2025 08:42 pm
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