
सागर. केंद्र सरकार ने भले ही 6 साल पहले अधिकारी, नेताओं सहित सभी प्रकार के वाहनों से हूटर हटाकर पाबंदी लगा दी है, लेकिन अधिकारियों का हूटर प्रेम समाप्त होता नहीं दिख रहा है। लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन तो फिर भी ठीक है, लेकिन उन सरकारी अधिकारियों के वाहनों पर भी हूटर लगे हैं, जिनका लॉ एंड ऑर्डर से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। पत्रिका ने पड़ताल की तो अधिकारियों के साथ छुटभैया नेता, ठेकेदार और कंपनी के वाहनों में भी हूटर लगे मिले।
बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता डीएन चौकीकर, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भतीते मूरत सिंह, शिवसेना के सागर अध्यक्ष तो एक हूटर लगाए ऐसा वाहन मिला जो किसी रुतवी इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है। इसके अलावा कुछ अन्य वाहन मिले जिनका रेकार्ड परिवहन विभाग की साइट पर दर्ज ही नहीं है।
हूटर लगाने को लेकर हमने नियम जाने तो पता चला कि हूटर लगाने का अधिकारी मंत्री, विधायकों को भी नहीं है। इसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, आकस्मिक सेवा में चलने वाले वाहन, लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले प्रशासन व पुलिस के अधिकारी और परिवहन विभाग के अधिकारियों की गाड़ी पर लगाया जा सकता है, लेकिन इन नियमों का अधिकारी खुद ही ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं।
शहर में कई ऐसे वाहन भी मिले हैं जो या तो छुटभैया नेताओं के हैं या फिर मंत्री, विधायकों के रिश्तेदारों के। इतना ही नहीं कुछ ठेकेदार भी रौब झाडऩे के लिए अपने वाहनों पर हूटर लगाकर घूम रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पुलिस और परिवहन विभाग इन हूटरबाजों पर कार्रवाई करने की दम नहीं जुटा पा रही है।
लॉ एंड ऑर्डर संभालने वालों के अलावा अन्य किसी विभाग के अधिकारियों को हूटर लगाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा राजनीतिक दल के पदाधिकारी भी हूटर का उपयोग नहीं कर सकते। बीच-बीच में हम कार्रवाई भी करते हैं।
मयंक सिंह चौहान, डीएसपी, यातायात
Published on:
13 Oct 2024 11:58 am
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