5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अशुभ ग्रहों का प्रभाव : हनुमान जी के आशीर्वाद से ऐसे होगा दूर

कुंडली के अशुभ ग्रह भी हो जाएंगे शुभ!

3 min read
Google source verification
hanumanji.jpg

सनातन धर्म में श्रीराम भक्त हनुमान भगवान शिवजी के 11वें रुद्रावतार के साथ ही सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी अजर अमर हैं और हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

श्रीराम भक्त हनुमान जी के संबंध में माना जाता है कि इनकी आराधना से ग्रहों का दोष शांत हो जाता है। हनुमान जी और सूर्यदेव एक दूसरे के स्वरूप हैं, इनकी परस्पर मैत्री अति प्रबल मानी गई है। इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि स्वत: ही आ जाते हैं।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार हनुमान जी की कृपा से कुंडली के अशुभ ग्रह भी शुभ प्रभाव दिखाने लगते हैं। पं. शर्मा के अनुसार हनुमान जी के कुछ आसान उपाय हैं, जिनको करने से अशुभ ग्रहों की चाल तक बदल जाती है...

MUST READ :कोरोना वायरस को लेकर ज्योतिष में सामने आई ये खास बात, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

ये हैं आसान उपाय ( मान्यता अनुसार ) -

1- हनुमान चालीसा का पाठ
नित्य हनुमान चालीसा के पाठ करने के अनेको फायदे हैं। जो भी व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उनके ऊपर कभी भी किसी तरह का संकट नहीं आता है। राहु, केतु भी ऐसे लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं, जो नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

2- हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं
इस हनुमान जन्मोत्सव हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी और आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।

3- राम नाम का जाप
राम नाम की महिमा अपरंपार है। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं और सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव भी। हनुमान जी उन भक्तों पर अपनी सदैव कृपा दृष्टि रखते हैं जो राम जी के नाम का गुणगान करते हैं। नित्य राम जी के नाम का जाप करने से आपकी कुंडली में मौजूद पितृ दोष दूर हो जाता है।

MUST READ : आपका ये छोटा सा काम कर देगा शनिदेव को प्रसन्न, होगी कृपा की बारिश

सुंदरकांड का पाठ
सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। समस्त रोगों से मुक्ति के लिए इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड पाठ के अनेको लाभ हैं। अगर आप में आत्मविश्वास की कमी है तो आपको भी सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर एक नई साकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है।

मंत्र जाप
ऊॅं हं हनुमंते नम:
मान्यता: हनुमान जी के इस मंत्र का नित्य जप करने से कुडंली के समस्त दोषों से मुक्ति मिलेगी।

शनि की कुदृष्टि नहीं पड़ती हनुमान जी के भक्तों पर...
शनि देव की बुरी नजर भी हनुमान जी के भक्तों पर नहीं पड़ती है। हनुमान जी के भक्तों पर सभी देवी- देवताओं की विशेष कृपा रहती है।

ये सावधानी भी हैं जरूरी -
पंडित शर्मा के अनुसार इन समस्त उपायों से अशुभ ग्रह भी शुभ प्रभाव तो देने लगते हैं, लेकिन श्रीहनुमान की पूजा यानि इन उपायों में कुछ खास बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक माना गया है, क्योंकि इनके बिना पूजा का फल मिलने में शंका बनी रहती है।

ध्यान रखें योग्य बातें...
: हनुमान साधना में शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है।

: प्रसाद शुद्ध घी का बना होना चाहिए।

: हनुमान जी को तिल के तेल में मिले हुए सिंदूर का लेपन करना चाहिए।

: हनुमान जी को केसर के साथ घिसा लाल चंदन लगाना चाहिए।

: पुष्पों में लाल, पीले बड़े फूल अर्पित करने चाहिए। कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

: नैवेद्य में प्रातः पूजन में गुड़, नारियल का गोला और लड्डू, दोपहर में गुड़, घी और गेहूं की रोटी का चूरमा अर्पित करना चाहिए। रात्रि में आम, अमरूद, केला आदि फलों का प्रसाद अर्पित करें।

: साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन अति अनिवार्य है।

: जो नैवेद्य हनुमान जी को अर्पित किया जाता है उसे साधक को ग्रहण करना चाहिए।

: मंत्र जप बोलकर किए जा सकते हैं। हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष उनके नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्रों के जप करें।

: साधना में दो प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है। सात्विक कार्य से संबंधित साधना में रुद्राक्ष माला तथा तामसी एवं पराक्रमी कार्यों के लिए मूंगे की माला।