
Lalbagh Botanical Garden में पेड़ों और पौधों की हर प्रजाति की वर्गीकरण केवल एक उंगली के click पर उपलब्ध होगी। बागवानी विभाग ने herbarium बनाने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। यह डिजिटल रूप से भी उपलब्ध होगी। काम पूरा होने में करीब एक वर्ष लगेगा। वर्गीकरण विज्ञानी के. आर. केशव मूर्ति के नेतृत्व में टीम करीब छह माह से अपना काम कर रही है। हर्बेरियम रैक लखनऊ से मंगाए गए हैं।
बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक (पार्क और उद्यान) जगदीश एम. ने कहा बताया कि लालबाग में पेड़-पौधों की 2,950 प्रजातियां हैं। हर्बेरियम से तात्पर्य प्रत्येक पत्ती, फल, फूल और छाल के सूखे रूप में वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण से है। इन नमूनों को वैज्ञानिक तरीके से हरबेरियम शीट पर रखा जाएगा। एक बार भौतिक दस्तावेज तैयार हो जाने पर, आसान पहुंच के लिए इसे डिजिटल भी किया जाएगा।
हर्बेरियम की स्थापना छात्रों, वनस्पति शास्त्रियों, वर्गीकरण विज्ञानियों, पर्यावरणविदों और लालबाग की वनस्पतियों में रुचि रखने वाले अन्य लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए की जा रही है।उन्होंने कहा कि लालबाग में सभी मौजूदा प्रजातियों का यह दस्तावेजीकरण हमें उन पेड़ों का रिकॉर्ड रखने में मदद करेगा जो मौसम के कारकों के कारण लुप्त हो सकते हैं। साथ ही हमें पेड़ों की उम्र निर्धारित करने में भी मदद मिलेगी।
प्लांट वेल्थ
हर्बेरियम के साथ-साथ बागवानी विभाग लालबाग की Plant Wealth नाम से एक दस्तावेज भी लाना चाहता है। इस व्यापक दस्तावेज के अंतर्गत, ट्रील ऑफ लालबाग, क्लाइम्बर्स ऑफ लालबाग, क्रीपर्स ऑफ लालबाग, इत्यादि जैसी विभिन्न पुस्तकें होंगी। किताब के एक तरफ पौधे की तस्वीरें उपलब्ध होंगी, वहीं दूसरी तरफ इसकी उत्पत्ति, औषधीय मूल्य, उम्र और अन्य वर्गीकरण विवरण जैसे विवरण उपलब्ध होंगे। हर्बेरियम स्थापित होते ही यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
Published on:
18 May 2024 09:54 am
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